एक मित्र काफी दिनों बाद दिखे -सहज ही मैंने पूंछ लिया -क्या हाल चाल हैं आपके ? जवाब था हाल तो ठीक है पर चाल कुछ गड़बड़ है ! बात मजाक में कही गयी थी आयी गयी हो गयी ! पर पुरूष पर्यवेक्षण के सिलसिले में जब मुझे टांगों पर नजर गडानी पडी तो मैं किसिम किसिम की चालों को देख कर हैरान हो गया हूँ ! आप भी लुत्फ़ उठाईये ! और हाँ पुरूष अंग प्रत्यंगों के बहाने यह चर्चा प्रकारांतर से मानव व्यवहार की भी तो है -केवल स्थूल अंगों की ही नहीं ! यह बात इस श्रृंखला और पूर्व वर्णित नारी नख शिख सौन्दर्य पर समान रूप से लागू है -पुराने और नियमित पाठक इस तथ्य की तस्दीक़ करेंगें !
व्यवहार विज्ञानियों -खासकर डेज्मांड मोरिस ने मनुष्य प्रजाति के ३६ तरह की चालों का वर्णन किया है इसमें अधिकाँश तो नर नारी दोनों के लिए समान हैं मगर कुछ में दोनों के अन्तर साफ़ दीखते हैं ! तो यहाँ महज "तोबा ये मतवाली चाल " के विवरणों से न चाहते हुए भी किनारा करते हुए केवल पुरूष चालों या फिर नर नारी दोनों में समान चालों की ही चर्चा की जा रही है !
कदमताल और चहलकदमी में ये टांगें ही जलवाफरोश होती हैं ! चार्ली चैपलिन से लेकर अपने सदाबहार देवानद की चाल के तो चर्चे रहे हैं ! कुछ चालों की हालचाल यूँ है -
१-चहलकदमी (the stroll ) -धीमी चाल -सुबह शाम की चहलकदमी -प्रति पग /कदम एक सेकेण्ड की गति से
२-मंथर गति चाल (the amble)- निरुदेश्य टहलना (लौकिक हिन्दी शब्द -भड़छना ) निश्चिंत और आराम से -कोई ख़ास दिशा नहीं -इधर उधर !
३-मटरगश्ती (the sunter) -फुरसतिया चाल ! दिखावटी मस्त चाल -हम फुरसत में हैं !
४-आवारागर्दी (the dwadle )- समय गवाने -आवारगी की चाल -धीमी मंथर गति !
५-कोल्हू के बैल की चाल (the plod ) -ऐसी चाल जिससे खटने -किसी काम में पिसते रहने का भान -भारी मन से चलते रहना -आहिस्ता आहिस्ता ! जैसे कोई सीधी चढाई चढ़ रहे हों !
६-निढाल चाल (the slouch ) -सेवकों और अनुचरों के स्थायी भाव की चाल -कुछ पस्त और ढीली -थके मांदे होने का अहसास !
७-थुल थुल चाल (the waddle) -मोंटे तुंदियल लोगों की थुल थुल चाल जैसे बत्तखें चलती हैं ।
८-भच्कनी चाल (the hobble) -ऐसे जैसे जूते ने काट खाया हो -लंगडाहट भरी चाल .
९-शराबी की चाल ( the totter) -लडखडाते हुए ,पियक्कड़ की चाल
१०-लंगडी चाल (the limp ) -ऐसे लंगडाते हुए जैसे की एक पैर में तकलीफ /चोट हो
११-बीमारी की चाल (the shuffle )-आपरेशन के बाद अस्पताल में मरीज की चाल -पैरों को घसीटते हुए ।
१२-गीदड़ गश्त (the prowl ) -शिकार की टोह की चाल -जैसे दबे क़दमों से गीदड़ शिकार की ओर बढ़ रहा हो -चोर की सी चाल -छुपते छुपाते -बचते बचाते !
१३-दबे पाँव (the tip toe ) -शिकार के बिल्कुल पास पहुँच कर अति मंथर गति से पांवों को आगे बढ़ाना -आक्रमण के ठीक पहले की चाल
१४-घुमक्कडी चाल (the promenade ) -सैर सपाटे की की चाल ,मौज से घूमने फिरने की चाल -चहलकदमी और तेज चाल के बीच की गति !
१५-घूमना ( the walk) -दो पग प्रति सेकेण्ड की सामान्य चाल -ऐंडी जमीन पर फिर पूरा पाँव !
१६-छोटे पग की तेज चाल (the mince ) -छोटे पग उठाना मगर चाल की तेजी प्रमुखता से दिखना -महिलाओं की भी एक प्रचलित चाल ।
१७-नौजवान चाल -(the bounce ) -ऊर्जा और शक्ति से लबरेज स्वस्थ किशोर और युवा की तेज क़दमों की आत्मविश्वास भरी से चाल
अरे अभी ऊब गए आप ? अभी तो इतनी ही चालें और आपका बाट जोह रही हैं -जारी ......
16 comments:
इस में मेरी चाल शामिल नहीं है। आगे देखते हैं।
बढि़या है....कुछ चालों का हालचाल भी जान लिया जाए :)
क्या बात है साहिब ....ढेर साडी चालों से रूबरू हो गए ...अच्छा वो भी क्या एक चल है जो राजनीति में चली जाती है
रोचक है चाल की कथा .
dilchasp hai !
बहुत सुंदर चाले बताई.
चाल के अगले चरण का इंतजार.
बडी जबरदस्त चालें हैं जी..वैसे मुम्बई मे दगडी चाल भी फ़ेमस है.:)
बहुत रोचक जानकारी दी आपने. धन्यवाद.
चाल के प्रकारों की अंग्रेजी पढ़-जान रहा था । रोचक है यह और उसका हिन्दी अनुवाद भी । धन्यवाद ।
इतनी कम है क्या ।
देखते है अगली कड़ी में और कितनी चालें होंगी ।
अरे बाप रे, पढ़त-पढ़त गोड़ पिराइ लाग! :)
बड़ी चालबाज जानकारी दी आज आपने.... वाह भाई जी वाह..
चाल की चाल कितनी चलायमान है आपने सिद्ध कर दिया, कुछ ही चालों ने हिला दिया तो बाकी चालों की जानकारी के बाद से तो शायद चाल का चलन ही इसके विभिन्न आयामों में अपनी पहचान खुद-ब-खुद बताने लग जायेगा और हमें अपनी हार चाल पर शर्मिन्दगी महसूस सी होने लगेगी.
सुन्दर जानकारी देने का आभार.
चन्द्र मोहन गुप्त
रोचक है यह जानकारी
बहुत खूब.. बाकी की 19 चालें भी बता दीजिए.. मैं तो इस आधार पर सभी जानकारों के वर्गीकरण में लग गया हूं.. :)
इन चालों को पढकर वो गाना याद आ गया "कोई मेरी भी शादी करा दे, तो फिर मेरी चाल देख लें"
बहुत खूब।
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तस्लीम
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन
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