मेरे अनुज और मित्र जाकिर ने http://zar-lit.blogspot.com/2007/05/zakir-ali-rajneesh.html सुझाया है कि मैं राम सेतु जैसे विषयों की चर्चा अपने ब्लॉग ://indiascifiarvind.blogspot.com/पर न करूं .ठीक भी है वह ब्लॉग विज्ञान कथा को समर्पित है ,इतर विषय शायद उसके अनुरूप नही हैं.यही सोच कर और एक मित्र के अनुरोध पर ऐसे विज्ञान के विषय जो आम आदमी से क़रीब हों ,इस नए ब्लॉग के विषय बनेंगें.
मगर साईब्लाग नामकरण क्यों ?मैं पहले तो वही शेक्स्पीरियन जुमले का इस्तेमाल कर अपनी जान छुडाना चाहूंगा -नाम मे क्या रखा है ,मगर शायद कुछ चिट्ठाकार भाई इससे संतुष्ट न हों इसलिए कुछ और भी अर्ज है-
यहाँ साई का अर्थ विज्ञान से है साईंस से साई और उससे ब्लॉग को जोड़ कर बन गया है- साईब्लाग।मतलब विज्ञान की नित नयी खबरों पर मेरी अपनी समझ के मुताबिक़ टीका टिप्पणी ।मैंने इस ब्लाग के नामकरण पर काफी सोचा विचारा ,हिन्दी मे कुछ रखने का प्रयास किया ,पर हिन्दी चिट्ठाकार भाइयों ने कोई कोर कसर ही नही बाकी रखी है जिससे मैं इस नए ब्लॉग का नाम हिन्दी मे रख पाता.
मेरा मानना है कि ब्लॉग एक खुली डायरी है ,वेब दुनिया का एक सर्वथा नया प्रयोग .अभिव्यक्ति का एक नया दौर .एक डायरी चिट्ठा कैसे बन गयी /या बन सकती है मेरा मन स्वीकार नहीं कर पा रहा.फिर चिट्ठे से कच्चे चिट्ठे जैसी बू भी आती है .मगर चूँकि नामचीन चिट्ठाकारों ने इस पर मुहर लगा दी है और यह शब्द भी अब रूढ़ सा बन गया है मैंने पूरे सम्मान के साथ असहमत होते हुए भी इसे स्वीकार तो कर लिया है पर अपने हिन्दी ब्लॉग पर इस प्रयोग के दुहराने की हिम्मत नही कर पाया -इसलिए देवनागरी मे ही अंगरेजी के शब्दान्शों को जोड़ कर काम चलाने की अनुमति आप सुधी जनों से चाहता हूँ.इस ब्लॉग पर मैं विज्ञान के विविध विषयों पर अपना दिलखोल विचार रख सकूंगा .यह ब्लॉग तो अभी इसके नामकरण पर ही आधारित है .आगे विज्ञान की चर्चा होगी .