Science could just be a fun and discourse of a very high intellectual order.Besides, it could be a savior of humanity as well by eradicating a lot of superstitious and superfluous things from our society which are hampering our march towards peace and prosperity. Let us join hands to move towards establishing a scientific culture........a brave new world.....!
Saturday, 23 February 2008
क्या महिलाओं के लिए छलावा है चरम सुख ?
पुरुषों मे चरम सुख की अनुभूति एक आम बात है जो स्खलन के साथ ही आनंदातिरेक कराने वाला होता है .मगर लंबे समय से विवाद रहा है की क्या महिलाओं मे भी कोई समान अनुभूति होती है और यदि हाँ तो इसका उदगम क्या है !अब वैज्ञानिकों ने महिला जननांग के एक ऐसे हिस्से- जी स्पाट -जैफेनबेर्ग स्पाट को सचमुच खोज लिया है जो चरमसुख के लिए जिम्मेवार है .वैज्ञानिकों ने खोज लिया है कि महिलाएं सेक्स के दौरान परम सुख किस तरह हासिल कर सकती हैं.
वैसे महिलाओं मे भग्नासा [क्लायिटोरिस ]को उद्दीपित कर उन्हें चरम सुख काम केलि के दौरान सहज ही दिलाया जा सकता है -यह बहुतों को पता है ,मगर यह नया खोजा गया जी सपाट-जैफेनबेर्ग स्पाट चूंकि ऐसी जगह स्थित है जहाँ इसे प्राकृतिक सहवास मे पुरूष अंग से ही उद्दीपित किया जा सकता है ,इसे कृत्रिम तरीके से उद्वेलित नही किया जा सकता .यह दीखता भी नही . वैज्ञानिक 1980 से ही इस खोज में लगे हुए थे और तब ही से ‘जी स्पॉट’ का वजूद विवादास्पद रहा है.
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‘न्यू साइंटिस्ट’ पत्रिका में जी स्पॉट’ पर रिसर्च कर रहे डॉक्टरों ने दावा किया है कि कुछ महिलाओं के जननांग में ये खास कोशिकाएं होती हैं जो सामान्य कोशिकाओं से ज़्यादा मोटी होती हैं. इसी ‘जी स्पॉट’ या इन ‘खास कोशिकाओं’ से ही ये महिलाएं सेक्स के परम सुख का अनुभव कर पाती हैं. एक्यूला विश्वविद्यालय के डॉक्टर इमैनुएल जेनिनि ने ‘जी स्पॉट’ के लोकेशन की खोज के लिए 20 महिलाओं को चुना.अल्ट्रासाउंड के ज़रिए इन सभी महिलाओं के जननांग में ‘जी स्पॉट’ या खास कोशिकाओं के आकार और उसके प्रकार को समझने की कोशिश की गई.
इस परीक्षण के दौरान, सेक्स सुख के चरम तक पहुंचने का दावा करने वाली नौ महिलाओं का ‘जी स्पॉट’ जननांग और मूत्रमार्ग के बीच पाया गया। लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल के डॉक्टर टिम स्पेक्टर का कहना है कि, “ये मोटी कोशिकाएं स्त्री जननांग के ‘क्लाइटोरियस’ का हिस्सा हैं”.हमे पता है कि क्लाइटोरियस भी जननांग का अति संवेदनशील हिस्सा होता है. दरअसल, सेक्स को लेकर अलग-अलग महिलाओं के अलग-अलग अनुभव हैं. कई महिलाओं का अनुभव है कि वो सेक्स के बाद भी उस चरम आनंद तक नहीं पहुँच सकीं. जबकि, कई महिलाओं का कहना है कि उन्हें सेक्स की चरम संतुष्टि हासिल हो गई. लंदन के ही यूनिवर्सिटी कॉलेज की सेक्स साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर पेट्रा बोयनटन कहती हैं कि , “सभी महिलाओं की बनावट अलग होती है. किसी का ‘जी स्पॉट’ उसके जननांग के अंदर हो सकता है जबकि कुछ मे यह नही भी हो सकता .”
उनकी सलाह है, “महिलाओं को इस बात की फिक्र नहीं करनी चाहिए कि उसके जिस्म में ‘जी स्पॉट’है या नहीं. क्योंकि, इससे वो सिर्फ ‘जी स्पॉट’ के बारे में ही फिक्रमंद रहेंगी और बाकी चीज़ों के बारे में सोच ही नहीं सकेंगी.”
चलिए नारियों के लिए कम से कम एक और चरम आधार मिल गया है जिससे वे पुरुषों से बराबरी का दावा बनाए रख सकती हैं .
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