Monday, 11 May 2009

आख़िर पहचान ही ली गयी चिडिया ! भाग्य की मारी कोयल बिचारी !

ऐसी ही दिखती है मादा कोयल !
आखिर वह हतभाग्य चिडिया पहचान ही ली गयी ! मादा कोयल थी बेचारी ! इस समय उनका प्रजनन काल चल रहा है ! और आप जानते होंगें कोयल अपना घोसला तो बनाती नही -यह एक नीड़ परजीवी पक्षी है जो कौए जैसे चालाक पक्षी के घोसले में ,काग दम्पति की आंखों में धूल झोक कर अंडा भी दे आती है और बगलोल बना कौवा दम्पति कोयल शिशु को अपना समझ कर पालता पोषता है -एक दिन वह अहसान फरामोस भी अपने बाबुल के घर को उड़ चलता है -ठगे से रह जाते हैं कौवे !

लेकिन कभी कभी कोयल को इस खतरनाक खेल में जान की भी आहुति देनी पड़ जाती है -जैसा शायद इस बार हुआ ! कौवो ने कोयल को खदेडा या मारा पीटा भी शायद और वह बिचारी असमय ही कल कवलित हो गयी ! जिन्होंने मादा कोयल न देखी हो वे देख लें ध्यान से -यह भूरी सी होती है और शरीर पर सफ़ेद बुंदियाँ होती हैं !
कई लोगों ने इस चिडिया को पहचानने की ईमानदारी से कोशिश की और कुछ लोगों ने इसकी सही पहचान स्थापित करने में मदद की -मैं उन सभी का ह्रदय से आभारी हूँ !

मेरी भतीजी स्वस्तिका को सही उत्तर भी मिल गया और कोयल कौए के बीच की यह सच्ची कहानी भे उसे मालूम हो गयी !