Sunday, 8 November 2009

प्रोफेसर यशपाल विज्ञान संचार के सर्वोच्च पुरस्कार "कलिंग/कलिंगा पुरस्कार " से सम्मानित!


प्रोफेसर यशपाल को विज्ञान संचार के सर्वोच्च पुरस्कार "कलिंग/कलिंगा  पुरस्कार " से सम्मानित  किया गया है! कभी उडीसा के मुख्य मंत्री रहे बीजू पटनायक  जी ने एक युग द्रष्टा की भूमिका अपनाते हुए इस पुरस्कार के लिए यूनेस्को को मुक्त हस्त से १९५२ मे ही एक बड़ी धनराशि दान कर दी थी -वे भारत के कलिंग फाउनडेशन ट्रस्ट के संस्थापक थे.विज्ञान संचार के क्षेत्र में किसी बड़े योगदान के लिए कलिंगा पुरस्कार प्रावधानित हुआ था -ऐसा काम जो आम लोगों की समझ में  विज्ञान को आसान कर सके ! अभी तक तो ज्यादा वैज्ञानिकों को ही इस पुरस्कार के लिए चुना गया है मगर मानविकी ,पत्रकारिता की भी दुनिया से  लोग आम आदमी  तक विज्ञान की सरल समझ विकसित करने के प्रयासों के लिए इस पुरस्कार के लिए क्वालीफाई  हो सकते हैं ! विजेता को दस हजार स्टर्लिंग पाउंड और यूनेस्को के अलबर्ट आईनस्टीन सिल्वर मैडल से नवाजा जाता है ! अब विजेता को रूचि राम साहनी चेयर भी प्रदान  की जाती है जिसे भारत सरकार ने कलिंग पुरस्कार की पचासवीं जयंती पर संकल्पित किया है !पुरस्कार द्विवार्षिक है और विश्व विज्ञानं दिवस पर १० नवम्बर को  प्रदान किया जाता है !

भारत से अभी तक इस समान से नवाजे गए लोगों की सूची निम्नवत है -
1963-जगजीत सिंह
1991 -नरेंद्र के सहगल 
1996 -जयंत नार्लीकर 
1997 -डी  बाला सुब्रमन्यियन
और अब यशपाल जी को यह पुरस्कार मिला है ! यशपाल  जी के  विज्ञान के प्रचार प्रसार के लिए किये गए कामों को कौन नहीं जानता -पहली बार सही अर्थों में यह पुरस्कार यशपाल का संस्पर्श पाकर सम्मानित  हुआ है !