Saturday, 28 May 2011

खगोलीय ग्रीष्म त्रिकोण को आपने देखा है क्या ?

इन दिनों शाम को उत्तर और पूर्व के कोने पर एक बड़ा सा टिमटिमाता तारा दिख रहा है -मैं इससे परिचित नहीं था तो मैंने अर्थस्काई से पूछ लिया -उन्होंने कन्फर्म कर दिया कि यह वेगा है -हिन्दी में अभिजित ....हिन्दी पंचांग अभिजित को २८वां नक्षत्र मानता है और कहते हैं मर्यादा पुरुषोत्तम  राम का जन्म और विवाह अभिजित नक्षत्र में हुआ था मतलब उस समय सूर्योदय के समय चन्द्रमा अभिजित नक्षत्र में थे.....

अब अभिजित तारा शुभ है या अशुभ यह तो मैं नहीं मानता मगर राम का जीवन तो यही बताता है कि उनका पूरा जीवन ही बहुत संघर्ष और कष्टमय बीता -मगर मैंने कल ही यह तारा देखा तो तुरंत ही सम्मोहित हो उठा ...कहते हैं इस तारे का उल्लेख महर्षि वेदव्यास ने महाभारत के वन पर्व(अध्याय  230, श्लोक  8–11) में किया है जाहिर है इस तारे को लेकर हजारों वर्ष से लोगों को उत्सुकता रही है ..
खगोलीय ग्रीष्म त्रिकोण
वेगा यानि अभिजित एक खगोलीय ग्रीष्म त्रिकोण की निर्मिति करता है -मतलब  दो और तारों के शीर्ष पर रहकर एक त्रिभुज बनाता है.आप ऊपर के चित्र देखकर इस ग्रीष्म त्रिकोण की स्थिति भलीभांति समझ सकते है हैं -अन्य दोनों तारें हो सकता है आपको ठीक से न दिखें मगर अभिजित तो बड़ी ही प्रमुखता से सायंकालीन बेला और रात गए तक चमक रहा है -आप इसे रात साढ़े आठ बजे उत्तर और पूर्व के कोने पर आसानी से देख सकते हैं .