Tuesday 1 July 2008

डिजिटल दुनिया के बाहर भी साईब्लाग की धमक !

मित्रों ,आपके स्नेह और सतत प्रोत्साहन का नतीजा है कि साईब्लाग ने डिजिटल दुनिया के बाहर भी अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी है .आज देश के जाने माने अखबार ,हिन्दुस्तान ने अपने सम्पादकीय पृष्ठ पर इस पर प्रमुखता से टिप्पणी की है .टिप्पणीकार ने तफसील से साईब्लाग के आलेखों और उसके आब्जेक्टिव पर लिखा है ।मुझे संतोष है कि भारत में अब भी काम की कीमत है .आप मुडिया के काम करते रहें तो लोगों की नजर पड़ती है और आपके काम की पहचान होती है .
यह मेरे लिए एक प्रोत्साहन भर है .एक उत्प्रेरण सरीखा बस .न तो मैं यहाँ फूल कर कुप्पा हो गया हूँ और न तो यह डींग मार रहा हूँ कि लो बच्चू मैंने यह कर के दिखा दिया .यह तो विज्ञान के जन संचार के लिए उठा मेरा एक अदना सा कदम है ।हाँ ,ऐसे प्रोत्साहन किसी को भी अपने काम में लगे रहने की प्रेरणा देते हैं .
बहुत बहुत आभार, हिन्दुस्तान, एक सात्विक मुहिम में मुझे 'कन्नी' भर का बल देने के लिए .....उत्साह बढ़ाने के लिए ....और आभार मेरे मित्रों और सुधी पाठकों का कि मेरे इस अकिंचन प्रयास को उन्होंने सर माथे पर रख रखा है .हाँ ,इसने मेरे उत्तरदायित्व और कार्य के प्रति समर्पण को और बढ़ा दिया है -देखता हूँ समय के पृष्ठ पर साईब्लाग कितनी जगह घेर पाता है .