एलार्म तो लगाया था पौने चार का मगर नीद उड़न छू है तीन बजे से ! इस समय चार बज कर बीस मिनट हो रहे हैं -उन पलों की बेकरार प्रतीक्षा है जब सूर्य अंतर्ध्यान हो जायेगें -पूरा परिवार इस सदी की एक बड़ी घटना को देखने के लिए तैयार हो रहा है -मैं तो दैनिक प्रातःकालीन कार्यों से निवृत्त हो चुका हूँ -सबसे खुशी की बात यह है की आसमान बिल्कुल साफ़ है -मानो प्रकृति सूर्यग्रहण के इस अविस्मर्णीय नजारे का तोहफा बनारस वासियों को देना चाह रही हो ,
दूसरे शहर वालों को इससे ईर्ष्या हो सकती है !
मैं बस कुछ मिनटों में यहाँ से निकल कर करीब ४५ मिनट की ड्राईव पर बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी केपीछे गंगा नदी के एक घाट "सामने घाट " तक पहुंचून्गा जहाँ सदी के इस भव्य नजारे को निरखने के वैज्ञानिक ताम झाम विश्वविद्यालय के अप्लायड भौतिकी विभाग द्बारा किया गया है -हमने भी बाईनाकुलर और सफ़ेद कार्ड बोर्ड रख लिया है जहाँ सूर्य की रिवर्स इमेज लेकर ग्रहण के बढ़ते चरण का दीदार करेगें -एंड हियर वी गो ! गूगल बाबा तो आज पूरे काले हुए जाते हैं !
मिलते हैं फिर आज ही पूरी ख़बर लेकर ! इंतज़ार कीजियेगा !