अब तक सर्पदंश की एकमात्र भरोसेमंद कारगर इलाज एंटीवेनम इंजेक्शन है जो सांपों के विष से ही तैयार होता है। विषरोधक एंटीवेनम वर्तमान में मरीजों में इंजेक्ट किया जाता है.प्रयोगशाला परीक्षण में एक आशाजनक परिणाम से पता चला है एंटीवेनम गोली को भी सीधे सर्प के काटने के बाद लिया जा सकता है। इंजेक्शन की सुविधा अक्सर कई मील दूर पर उपलब्ध हो पाती है और मरीज के वहां पहुंचने तक देर हो चुकी रहती है। अस्पताल तक पहुंचने से पहले सर्प के काटने से मरने वाले मरीजों में से तीन चौथाई की यही गति होती है।
इस समस्या से निजात पाने की पहल कलकत्ता विश्वविद्यालय की एक शोधकर्ता रोशनआरा मिश्रा ने अपने अनुसन्धान के जरिये किया है और एक सर्वसुलभ प्रतिविष गोली की ईजाद में सफलता पाई है। इसके तहत एंटीवेनम को चीनी से बने एक सस्ते और गैर विषैले गोंद जैसा पदार्थ अल्जीनेट में लेपित करके गोली का रूप दिया गया है जो प्राथमिक उपचार के रूप में तत्काल दिया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने इस चूहों से ली गई आंतों में इस गोली के प्रयोग से पाया कि इनका पाचन नहीं होता और इसतरह इन्हे पचाया नहीं जा सकता और यह सर्प विष को निष्क्रिय करने में प्रभावी रहा। यह शोध "PLOS Neglected Tropical Diseases" के सात अगस्त २०१४ के अंक में छपा है।
भारत में विषैले सर्पदंश की वार्षिक दर एक लाख से ऊपर है (स्रोत : विकिपीडिया )
संयुक्त राज्य अमेरिका, कैलिफोर्निया अकादमी में एक शोधकर्ता मैथ्यू लेविन कहते हैं कि : " अल्जीनेट के लेप में विषरोधक को खिलाने का एक अच्छा विचार है. लेविन सर्पदंश पीड़ितों के इलाज के लिए एक सस्ते antiparalytic नाक स्प्रे विकसित किया है. देखिये यह गोली पूर्ण रूप से निरापद होकर कब बाज़ार आती है।