Wednesday, 25 June 2008

धत्त तेरे की ,मैं आयतुल्ला खुमानी के खानदान का थोड़े ही हूँ!


इन दिनों जेनेटिक्स की दुनिया में जीनोग्रैफी जांच की बड़ी चर्चा है .इस जांच से यह पता चल सकता है कि आप के पुरखों का उदगम कहाँ हुआ .और अब आप के साथ आपके पुरखों की वंश बेलि इस धरा पर कहाँ कहाँ बनी हुयी है ?यानि यह जांच आपकी जेनेटिक जड़ों और जमीन को उजागर कराने वाली है .मेरी भी बेतहाशा इच्छा हुयी कि मैं भी इस जांच के परिधि में आ जाऊं .लिहाजा डीएनए जांच किट का आर्डर दे दिया -यह मुझे आईबीएम , नेशनल जिओग्राफिक और वैट फाउन्दैशन अमेरिका के संयुक्त प्रतिष्ठान से साढे चार हजार रूपये में प्राप्त हुयी.और निर्देशानुसार मैंने गाल के अंदरूनी खुर्चनों को वहाँ से आए परखनली के सरंक्षक घोल में डाल कर भेज दी .और अब मेरी जांच रिपोर्ट इन्टरनेट पर है -यहाँ .आपको इस कोड - FWSNPLP48Lसे लागिन करना होगा -समय मिले तो देखें .इस सारे तामझाम का नतीजा यह है कि मेरे Y क्रोमोसोम के चिन्ह्कों ने यह उजागर किया है कि मैं M-9 समूह का सदस्य हूँ और ४०००० वर्ष पहले मेरे एक परम आदरणीय आदि पुरखे इरान या मध्य एशिया में कहीं जन्मे और मेरे इस चिन्हक M-9 को धारण किया और तब से M9 धारी जन इस धरा को धन्य कर रहे है -M9 का यह जेनेटिक गोत्र यूरेशियन CLAN कहलाता है .यह रोजी रोटी -शिकार की तलाश में आगे बढ़ा तो दक्षिणी मध्य एशिया के विशाल पर्वतों -हिदूकुश ,तियन शाह और हिमालय -पामेर नॉट ने रास्ता रोक लिया .मजबूर हो ये तजाकिस्तान से ही वापस मुडे -एक दल मध्य एशिया की और चला गया और दूसरा आज के पाकिस्तान से होते हुए भारत में पश्चिम उत्तर से घुसे -मेरे पूर्वज भी इन्ही में से थे .आज चेकोस्लोवाकिया ,मध्य एशिया और इरान के कई हिस्सों में मेरे समूह के लोग आबाद है -भारत में हिन्दी बोलने वाले करीब ३५% लोग मेरे M9 समूह के ही हैं .उत्तरी अमेरिका में भी यह चिन्हक पाया गया है .आज मेरे बन्धु बांधव पूरी दुनियाँ में फैले हुए हैं -अगर कोई वैश्विक सरकार बनी तो मेरे चुनाव जीतने के चांसेस हैं !