Saturday, 24 July 2010

सौन्दर्य प्रसाधन प्रेमी सुमुखियों के लिए आख़िरी चेतावनी ...

यह  खबर विश्वप्रसिद्ध पत्रिका टाइम में पढी  तो सोचा ब्लॉग सुंदरियों से साझा कर लूं -क्योंकि मैं जानता हूँ वे कोई न कोई सौन्दर्य प्रसाधन जरूर इस्तेमाल में लाती हैं ...मेरी एक मित्र तो लिपस्टिक की ही बड़ी शौक़ीन हैं .एक बार बहुत आग्रह पर न जाने कौन कौन सा ब्रांड शरमा शरमा के बताने लगीं -मैंने अपनी डायरी में नोट कर रखा है ..बहरहाल जिन्हें अंगरेजी से परहेज नहीं है वे सीधे टाईम पत्रिका पर ही अपना समय जायज कर सकती है और जिन्हें परहेज है वे मेरे साथ ही आगे बढ़ती रहें ..और आप पाने प्रिय जन को सचेत कर कर सकते हैं ,जैसा मैं कर रहा हूँ ,उनके लिए और आप सभी  के लिए भी !



यह खुलासा दो पत्रकारों ने अपने शोध की बदौलत किया -जब उन्हें यह लगा कि अरबों की इंडस्ट्री कास्मेटिक्स के नाम  पर लोगों को जहर बेंच रही है तो उन्होंने अपने शोध को एक किताब में प्रकाशित कर दिया -नो मोर डर्टी लुक्स ! इसमें कास्मेटिक्स के विषैले तत्वों के बारे में तो चेताया ही गया है ,साथ ही उनके  विकल्पों को भी सुझाया गया है .
बाल
आपके बाल कितने अच्छे हैं ना अक्सर याद आ जाती है  -वह लम्बी केशराशि ! 
मगर ध्यान दें ,कई शैम्पू और कंडीशनर सल्फेट्स और पैराबेंस जैसे  प्रिजर्वेटिव्  लिए होते हैं जिससे शरीर का  हार्मोन संतुलन गडमड हो सकता है .
सलाह -आर्गेनिक शैम्पू और कंडीशनर्स इस्तेमाल में लायें या फिर बे किंगसोडा और मायो (mayo ) मिलाकर अपना खुद शैम्पू तैयार कर लें .
आँखें
बस आपकी उन मदमाती आंखों के लिए -
मस्कारा पारे का मिश्रण लिए हो सकता है जो न्यूरोटाक्सिक   है मतलब दिमाग के लिए ....समझ रही हैं ना ? कहीं इसलिए ही तो हरवक्त भुनभुनाई हुई तो नहीं रहतीं आप ...और हाँ इसमें कोलतार जो एक कैंसरकारी तत्व है शामिल है  ...और आई शैडो में १,४ डाई आक्सेन होता है ,यह भी कैंसरकारी रसायन है .
हल -केवल एक्टीवेटेड चारकोल ही इस्तेमाल में लायें या स्वच्छता के साथ पुरानी विधि से बना काजल ही पर्याप्त है ..
त्वचा
इन दिनों बहुत से मायस्चरायिजर बाजार में हैं जिसमें पैराबेंस और दूसरे प्रिजर्वेटिव  होते हैं और कई सनस्क्रीन लोशन आक्सी  बेन्जोन लिए हो सकते हैं और ये हारमोन असंतुलन पैदा कर सकते हैं .
हल -एक्स्ट्रा -विरिजिन आलिव आयल एक कुदरती मायस्चरायिज़र है ,इसे इस्तेमाल में लायें .
होठ
हे ,आप जो दोनों लिपस्टिक बदल बदल कर लगाती हैं उनमें सीसा मिला होता है और यह भी एक न्यूरो टाक्सिन है (तभी तो मैं कहूं इस गुस्से का कारण क्या है !) .साथ ही इनमें कैंसर कारी तत्व भी होते हैं ...
हल -अब कई आर्गेनिक लिपस्टिक अ रहे हैं -RMS Beauty Lip2Cheek ढूंढें (मैं मदद करुँ ? ) -यह एक  ब्लश भी है -

 आपका सौन्दर्य मुबारक -चश्में बद्दूर !