ये तोंदू पहलवान क्या कर हैं -पेट पर्यवेक्षण तो नहीं ?
कहते हैं की मानवता केसामने सबसे बड़ा सवाल पापी पेट का ही है -यह पापी इसलिए कि इसे भरने की जुगाड़ में जाने कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं -कर्म कुकर्म करने पड़ते है ! पीठ पर लात तो फिर भी सहन की जा सकती है पेट पर लात न मारने की नैतिक दुहाई दी जाती है -! बिना पेट पूजा के देवता भी प्रसन्न नही होते -लोक मंगलकारी और विघ्न विनाशक गणेश जी पेट से भी भारी हैं ! आईये पेट पर एक नजर डालें !
काफी पहले तक पुरूष का उभरा पेट -सही शब्द तोंद समृद्धि,खुशहाली का प्रतीक होता था .तोंद वाले खाए पिए अभिजात्य वर्ग की प्रतीति कराते थे ! लेकिन आजकल तोंद खुदगर्जी ,आलस्य और खराब सेहत का संकेत है .हलवाई ,सेठ - साहूकारों की तोंद अब उनके प्रति हिकारत का भाव पैदा करती है -नई पीढी के जागरूक सेठ साहूकार इसलिए अपने स्टेरीओटाईप इमेज को बदल रहे हैं ! मगर जापान में तो आज भी तोंद को एक पेशे में सम्मानजनक ओहदा मिला हुआ है -वहाँ के पहलवान आज भी लंबे चौडे पेट -तोंद के स्वामी हैं .इससे उनके शरीर का गुरुत्व मध्य ( सेंटर आफ ग्रैविटी ) थोडा और नीचे खिसक आता है और उन्हें पीठ दिखाना टेढी खीर हो रहता है .इसलिए वे अपनी पेट पूजा को लेकर काफी सचेष्ट रहते -वे ऐसा ही भोजन करते हैं जिससे उनकी तोंद और भी भारी भरकम बन सके ! अब जैसे उनकी एक डाईट नुस्खा है -( स्ट्यू -चांको नैबे ) : मछली ,पोल्ट्री ,मीट ,अंडे ,सब्जियाँ ,चीनी और सोयासास का मिश्रण जिसमें १२ बड़े कटोरे चावल और ६ पिंट बीयर भी मिला कर ये रोजाना लेते हैं और अपनी तोंद को धन्य करते हैं !
पेट को परिभाषित करें तो यह शरीर का वह अधो अंग है जो वक्ष की नीचे और जननांगों के ऊपर स्थित है .चिकित्सीय संदर्भ में यह ऐबडामेन कहलाता है ।
जारी ........
16 comments:
बहुत जानकारी परक रही ये तोंदू पोस्ट. शायद आज कल जिम जाने का चलन बढ गया है.:)
रामराम.
रोचक तोंद जानकारी ...इसी को भरने के लिए क्या क्या नही करना पड़ता :)
पापी पेट का सवाल ही दुनिया को सक्रीयता देता है। रोचक जानकारी, आभार।
हम तो काफी पहले वाले ही हैं जी... :)
अगर मौज़-मौज़ की बात हो तो ठीक है, पर अगर गम्भीरली लिख रहे हैं तो बेचारे पेट को मत अरविन्द जी. पेट तो दो रोटी में भर जाता है, या हद-हद 4, 6 या 10 रोटी. बस. कुल क़ीमत सब्जी या दाल सहित 30 से 40 रुपये. पाप इतने के लिए नहीं होता है. पाप होता है करोडों-अरबों के लिए. इसके लिए पेट नहीं, हबस ज़िम्मेदार है.
ये पापी पेट निकल ना जाय इसके डर से आजकल बहुत लोग परेशान हैं !
अरे लम्बोदर पर इतनी जरा सी पोस्ट!
जापान में 'लाफिंग बुद्धा' आदि भी इसी मान्यता के तहत तोंद के साथ दीखते हैं.
कमाल है! सुमो के बारे में सुना था, लेकिन पेट की महत्ता के बारे में पहली बार सुन रहा हूँ.
हां गुरुत्वबिंदु वाकई में कुछ नीचे हो जायगा!! अब समझ में आया कि तोंद वाले इतने संतुलित क्यों रहते हैं.
सस्नेह -- शास्त्री
अच्छी जानकारी के लिये धन्यवाद,पेट पापी नही है , हम खुद पापी है नाम पेट का लेते है.
धन्यवाद
जापान की बात से विपरीत चीन में है..यहाँ आप को शायद ही किसी की तोंद दिखायी दे.
[मैं ने ऐसा अपने एक परिचित से सुना है.जो चीन जाते रहते हैं.]उनके अनुसार चीन में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति ख़ास कर पेट के प्रति बहुत सजग हैं.
उन की पुलिस और सेना में कमर की नाप का एक माप दंड भी है.
शायद ३६ इंच से ज्यादा वाली कमर वाले को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है.मैं ने एक समाचार पत्र में पढ़ा था.
रोचक लेख..
[ ब्लोग्वानी से क्लीक कर के इस पोस्ट पर पहुँची मगर कुछ दिखायी नहीं दे रहा..just एक blank पेज ,हेडर और ' लेआउट '..
.ले आउट के 'लेबल्स 'के थ्रू इस पोस्ट पर पहुँची हूँ.]
यह पर्यवेक्षण पढ़े जा रहा हूं लगातार.
धन्यवाद एक और कड़ी के लिये.
National Parks in India
Republic Day Quotes Shayari in Hindi
SSC in Hindi
IRDA Full Form
Reference Book in Hindi
Indoor Game in Hindi
UNESCO in Hindi
Fiber Optics in Hindi
Song in Hindi
Fax Machine in Hindi
Seven Seas History in Hindi
Indian Scientist in Hindi
Union Territories in Hindi
National Parks in Hindi
RFID in Hindi
Digial Camera in Hindi
Left Brain Vs Right Brain Fact in Hindi
Galaxy in Hindi
Post a Comment