Tuesday, 18 January 2011

पाक शास्त्र की एक नयी विधि -निर्वात पाक -क्रिया यानि 'सौस वाईड' ...

खाने पीने के शौकीनों के लिए पाक विद्या की एक और विधि प्रचलन में है जिसे फ्रेंच शब्द सौस वाईड का नाम दिया गया है जिसका मतलब है निर्वात में पकाना -व्यंजनों के पकाने के लिए ब्रायलर सरीखी पारंपरिक विधियों में सबसे बड़ी खामी यह थी कि खाने का आईटम बाहरी से भीतरी परतों तक एकसार नहीं पकता था ....बाहरी परतें जहाँ अच्छी तरह पक जाती हैं अंदरुनी हिस्सा कभी कभी अनपका या अधपका ही रह जाता है .

 प्लास्टिक के निर्वात पैकेटों में पाक क्रिया 


निर्वात पाक विधि में पकाए जाने वाला भोज्य पदार्थ अच्छे किस्म की प्लास्टिक की निर्वात  थैलियों में भर कर धीमी आंच पर कई घंटे पकाए जाते हैं -यहाँ ऊँचा तापक्रम वर्जित है -पाक कला की यह निर्वात विधि इन दिनों देश विदेश के पांच सितारा होटलों में खूब लोकप्रिय हो रही है ...जहाँ तक मेरी जानकारी है कई मुगलाई खानों में धीमी आंच पर कई घंटे पकाने की पद्धति हमारे यहाँ भी रही है .....सौस वाईड    माँस पकाने की एक मुफीद विधि मानी जा रही है ...पाक क्रिया में लगने वाले बहुत अधिक समय को लेकर अकबर बीरबल के कुछ लतीफो को भी शायद  प्रेरणा मिली है -एक तो वही है जिसमें बीरबल दिन भर खिचडी पकाने की बात कहकर  दरबार में नहीं पहुँचते और बादशाह को खुद अपने पाक विद्या निष्णात (!)दरबारी को लेने उनके घर तक पहुंचना होता है -

खिचडी की बात से इस पोस्ट की याद आई क्योकि अभी कुछ ही दिन पहले सारे भारत में खिचडी का त्यौहार और ज्योवनार धूम धाम से आयोजित किया गया! ब्लॉग जगत में पाक कला पर कई उम्दा ब्लॉग हैं -वे इस विधि पर ज्यादा जानकारी यहाँ से और यहाँ से ले सकते हैं .

6 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

हमने तो हंडिया को देखा है. धीमी आंच पर घंटों..

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

अच्छी जानकारी

राज भाटिय़ा said...

भारत की घरेलू नारी से अच्छा खाना कोई नही बना सकता, जो बिना नाप तोल के सभी मसाले सही डालती हे ओर समय पर खा्ना तेयार करती हे, आप दुवार दी जानकारी भी अच्छी लगी धन्यवाद

डॉ. मनोज मिश्र said...

वाकई नई-बढ़िया जानकारी.

अभिषेक मिश्र said...

नई जानकारी. धन्यवाद

प्रवीण पाण्डेय said...

कन्डों की धीमी आंच और दूध, वाह स्वाद।