यह खबर विश्वप्रसिद्ध पत्रिका टाइम में पढी तो सोचा ब्लॉग सुंदरियों से साझा कर लूं -क्योंकि मैं जानता हूँ वे कोई न कोई सौन्दर्य प्रसाधन जरूर इस्तेमाल में लाती हैं ...मेरी एक मित्र तो लिपस्टिक की ही बड़ी शौक़ीन हैं .एक बार बहुत आग्रह पर न जाने कौन कौन सा ब्रांड शरमा शरमा के बताने लगीं -मैंने अपनी डायरी में नोट कर रखा है ..बहरहाल जिन्हें अंगरेजी से परहेज नहीं है वे सीधे टाईम पत्रिका पर ही अपना समय जायज कर सकती है और जिन्हें परहेज है वे मेरे साथ ही आगे बढ़ती रहें ..और आप पाने प्रिय जन को सचेत कर कर सकते हैं ,जैसा मैं कर रहा हूँ ,उनके लिए और आप सभी के लिए भी !
यह खुलासा दो पत्रकारों ने अपने शोध की बदौलत किया -जब उन्हें यह लगा कि अरबों की इंडस्ट्री कास्मेटिक्स के नाम पर लोगों को जहर बेंच रही है तो उन्होंने अपने शोध को एक किताब में प्रकाशित कर दिया -नो मोर डर्टी लुक्स ! इसमें कास्मेटिक्स के विषैले तत्वों के बारे में तो चेताया ही गया है ,साथ ही उनके विकल्पों को भी सुझाया गया है .
बाल
आपके बाल कितने अच्छे हैं ना अक्सर याद आ जाती है -वह लम्बी केशराशि !
मगर ध्यान दें ,कई शैम्पू और कंडीशनर सल्फेट्स और पैराबेंस जैसे प्रिजर्वेटिव् लिए होते हैं जिससे शरीर का हार्मोन संतुलन गडमड हो सकता है .
सलाह -आर्गेनिक शैम्पू और कंडीशनर्स इस्तेमाल में लायें या फिर बे किंगसोडा और मायो (mayo ) मिलाकर अपना खुद शैम्पू तैयार कर लें .
आँखें
बस आपकी उन मदमाती आंखों के लिए -
मस्कारा पारे का मिश्रण लिए हो सकता है जो न्यूरोटाक्सिक है मतलब दिमाग के लिए ....समझ रही हैं ना ? कहीं इसलिए ही तो हरवक्त भुनभुनाई हुई तो नहीं रहतीं आप ...और हाँ इसमें कोलतार जो एक कैंसरकारी तत्व है शामिल है ...और आई शैडो में १,४ डाई आक्सेन होता है ,यह भी कैंसरकारी रसायन है .
हल -केवल एक्टीवेटेड चारकोल ही इस्तेमाल में लायें या स्वच्छता के साथ पुरानी विधि से बना काजल ही पर्याप्त है ..
त्वचा
इन दिनों बहुत से मायस्चरायिजर बाजार में हैं जिसमें पैराबेंस और दूसरे प्रिजर्वेटिव होते हैं और कई सनस्क्रीन लोशन आक्सी बेन्जोन लिए हो सकते हैं और ये हारमोन असंतुलन पैदा कर सकते हैं .
हल -एक्स्ट्रा -विरिजिन आलिव आयल एक कुदरती मायस्चरायिज़र है ,इसे इस्तेमाल में लायें .
होठ
हे ,आप जो दोनों लिपस्टिक बदल बदल कर लगाती हैं उनमें सीसा मिला होता है और यह भी एक न्यूरो टाक्सिन है (तभी तो मैं कहूं इस गुस्से का कारण क्या है !) .साथ ही इनमें कैंसर कारी तत्व भी होते हैं ...
हल -अब कई आर्गेनिक लिपस्टिक अ रहे हैं -RMS Beauty Lip2Cheek ढूंढें (मैं मदद करुँ ? ) -यह एक ब्लश भी है -
आपका सौन्दर्य मुबारक -चश्में बद्दूर !
21 comments:
बहुत सुंदर जानकारी, धन्यवाद
दोऊ पाटन के बीच कहाँ आपन मूड़ घुसेड़ रहे हो,
ई मनिहैं ना, जो मान जातीं तऽ हम कितना चैन से रहते
वर्जित फल मत खाना, अउर ऊई खाय लिहिन.. ल्यो झेलो बवाल
ऊपर वाला चैन की वँशी बजाय रहा है इनका पठाय के हमका नचाय रहा है
( यह हम दोनों का पारस्परिक सँवाद हैं, मातायें व बहने कृपया इसे न पढ़ें )
अब अगली पोस्ट ई न लिख दिहौ, गधी के दूध से नहायें
शायद मुझे भी चिन्ता जता कर..
जाते हुये एक धन्यवाद छोड़ जाना था ?
खैर... अब ले लेयो एक चिन्तित धन्यवाद !
चेताते रहिये ..
चलेंगे अपनी राह
'ब्लॉग सुंदरियों से साझा कर लूं -क्योंकि मैं जानता हूँ वे कोई न कोई सौन्दर्य प्रसाधन जरूर इस्तेमाल में लाती हैं'
You mean to say,'they are not natural beauty?'
'Blog-Sundariyan' will be upset with you.:D
Good post .[It shows how caring you are!]
डॉ साहब की चिंता जायज है ....
अपना ख़याल रखियेगा ! आज कई बार आपका हाल जानने आता रहूँगा ..मगर मदद की उम्मीद न करें ... शुभकामनायें !
@शुक्रिया कृतिका ,आप एक सच्ची मार्गनिर्देशिका हैं मेरी !
यह तो सबको ही पढ़ाना पड़ेगा। बड़ा उपकार किया आपने कि इतना खर्चा बचा लिया।
अरविंद जी,
इसमें आपने एक पक्ष का ही केयर लिया है। उन्हीं के बारे में लिखा समझाया है.... लेकिन उन नर प्राणीयों का क्या जिनके पेट में आधा लिपस्टिक जाता है :)
हल्के फुल्के मूड में लिखी गई एक जरूरी हिदायतों वाली बढ़िया पोस्ट।
टेक केयर
सुमुखियों से गुटुरगूं करने के लिए बढि़या विषय देनें के लिए धन्यवाद!
मोहि उपदेसु दीन्ह गुर नीका ....
प्रकृति ने जैसा पैदा किया है उस से अधिक सुंदर कुछ नहीं है। उसे प्राकृतिक साधनों से ही सुंदर बनाए रखना सब से बेहतर है।
रोचक जानकारी ...!
हम्म ! मुझे कोई चिंता नहीं क्योंकि मैं कोई सौंदर्य प्रसाधन इस्तेमाल ही नहीं करती... मेरी त्वचा हाइपर सेंसिटिव है, उसे कुछ सूट ही नहीं करता, तैलीय होने के कारण मॉस्चाराइज़र की भी ज़रूरत नहीं. तेल भी मैं एकदम शुद्ध इस्तेमाल करती हूँ- जैतून, बादाम या नारियल.
जब कभी कोशिश भी करती हूँ थोड़ा बहुत फैशन करने की तो मेरा खुद का शरीर धोखा दे जाता है. पिछले साल अपने बालों को काले से गहरा भूरा करने के चक्कर में गार्नियर कलर नेचुरल लगा लिया था...इतनी भयंकर एलर्जी हुई कि अभी तक इलाज चल रहा है. चेहरे में लाल चक्क्त्ते और सर में छले पड़ गए थे.
ये अच्छी पोस्ट लिखी आपने... पर मेरे ख्याल से आजकल औरतें नेचुरल चीज़ों पर ज्यादा भरोसा करती हैं.
इस मामले में अपनी अनुभवहीनता के चलते ,अनुभवी लोगों के सहारे टिप्पणी कर रहा हूं !
दिनेश राय द्विवेदी जी से सहमत !
हम्म्म ... तो ऐसे में बदसूरत लोग क्या करें !
@मुक्ति ,
महान हैं आप ,बिना आरंभिक परीक्षण के गोदरेज डाई छोप ली -शुक्र हैं मुंह बख्श दिया सौदर्य देवी ने अन्यथा :)
अब एक हालिया वैज्ञानिक अध्ययन बताता है की नारी सौन्दर्य ३१ वे वर्ष पर अपने पूर्ण निखार पर होता है ....टेक केयर :)
अच्छी और जागरूक करती पोस्ट , सार्थक ब्लोगिंग ....
बहुत सुंदर जानकारी, धन्यवाद
ज्ञानवर्धक लेख है और प्रस्तुति भी रोचक है.
लेकिन ये प्रयोग व्यावहारिक संभव हो ऐसा मुश्किल है ,उदाहरण के लिए-मायस्चरायिजर की जगह ओलीव तेल चेहरे पर लगा कर घर से निकलें--ही ही ही ही!पति देव और बच्चे ही टोक देंगे कि 'ये क्या लगा लिया'...उस तेल की महक थोड़ी देर बाद आती है.खुद भी न सह पायें ऐसी.
-एक लिपस्टिक ही तो जान होती है सारे मेकअप किट की ..उसे भी जाने दें..न न न!
ये तो थी सीधी सच्ची बात..
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आप कहते हैं 'नारी सौन्दर्य ३१ वे वर्ष पर अपने पूर्ण निखार पर होता है '
ये बात तो आज ही मालूम हुई!मैं तो इस बात से सहमत नहीं हूँ.
शोभा डे,डिम्पल,रेखा,हेमा,जीनत इन को देखीये ये सब ६० की उम्र में भी [आज की]३० वाली से ज्यादा चार्मिंग और अपीलिंग खूबसूरती रखती हैं.
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हाँ अगर आप कद की बात कर रहे हैं तो सही कि ३० से ३५ तक स्त्री की लंबाई सर्वाधिक होती ही..उसके बाद रीढ़ की हड्डी में गेप कम होने के कारण लम्बाई में फर्क आता है.
लेकिन ३१ में ही खूबसूरती अधिक होने का कृपया कोई कारण बताईयेगा.
अल्पना जी ,
नमस्कार ,इसे पढ़िए सौन्दर्य के कई प्रतिमान हैं और अब तो मुझे भी यही लगने लगा है कि जगत मोहिनी सौन्दर्य की उम्र ३१ या आस पास है .
http://newsfeed.time.com/2010/07/22/survey-women-most-beautiful-at-31/
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