Thursday 18 March 2010

दुनियाँ जहाँ नर गर्भ धारण करते हैं !

बोलो गर ऐसा हो तो क्या हो ? नर गर्भ धारण करने लगें और नारियां इस दायित्व से मुक्त हो जायं ? जीव जगत में पहले से ही कुछ ऐसे रोचक उदाहरण है जहाँ पहले से ही यह वाकया वजूद में आ चुका है -हाँ यह बहुत  दुर्लभ है और केवल समुद्री घोड़ो ,पाईप  मछली और जल दैत्यों तक ही सीमित है .नरों में गर्भाशय की प्रतीति कराती  एक पालन  पोषण थैली होती है यानि  ब्रूड पाउच जिसमें मादाएं अपना अंड डाल देती हैं और अब नर की पूरी जिम्मेदारी होती है कि वह उनका पालन पोषण करता रहे .क्या प्राणी जगत के ये सबसे अच्छे डैडी हैं ?

मगर शायद  नहीं क्योंकि पाईप फिश पर हुए एक ताजा अनुसन्धान से यह तय हो गया है कि इस प्रजाति का नर अण्डों के पालन पोषण में पक्षपात करता है -यह केवल अपने मन के मुताबिक़ अण्डों को तो पोषण पाउच में रखता है बाकी को बेरहमी से उलीच (गर्भपात ) देता है .जाँच परख के दौरान पाया गया है कि वह केवल उन मादाओं का ही अंडा पालता है जिसे वह यौनिक रूप से आकर्षक पाता है बाकी के अंडे पालने में उसे कोई रूचि नहीं रहती .यह तो नर सगर्भता का एक काला पक्ष ही हुआ न? वह कमतर यौनिक आकर्षण वाली मादाओं के अंडे उलीच कर (गर्भपतन) करके अपनी ऊर्जा  और सामर्थ्य को ज्यादा यौनिक आकर्षण वाली मादा से संसर्ग हेतु  बचा कर रखता है .

वैज्ञानिक इन प्रेक्षणों के मानवीय संदर्भों को भी समझने में लगे हैं -फिलहाल आप इस वीडियो को देखिये -

यहाँ कुछ हटके भी देखिये

जीव जंतुओं में नर सगर्भता(प्रिगनैन्सी) के रोचक उदाहरण! 

16 comments:

Ghost Buster said...

http://www.newsgroper.com/files/post_images/junior.jpg

you might want to use this in the post.

जगदीश्‍वर चतुर्वेदी said...

सुंदर जानकारी दी है ,क्या इस प्रयोग पर कोई काम भारत में भी हो रहा है ?

दिनेशराय द्विवेदी said...

अरविंद जी,
जीव जगत बहुत विचित्र है। दुनिया में वे भी तो जीव हैं जिन में लिंगभेद नहीं होता।

Arvind Mishra said...

@नहीं चतुर्वेदी जी मेरी जानकारी में तो नहीं !

समयचक्र said...

रोचक जानकारी दी है .....

shikha varshney said...

प्रकृति के रहस्य कोई नहीं समझ पाया..
"नर अण्डों के पालन पोषण में पक्षपात करता है -यह केवल अपने मन के मुताबिक़ अण्डों को तो पोषण पाउच में रखता है बाकी को बेरहमी से उलीच (गर्भपात ) देता है"
इससे संभवत सिद्ध होता है कि मनुष्यों में प्रजनन क्षमता स्त्रियों को ही क्यों दी गई है
अच्छी जानकारी है..

Arvind Mishra said...

@बहुत गौर करने वाली बात कही है शिखा जी आपने -कुपुत्रो जायेत माता कुमाता न भवति !

Udan Tashtari said...

विचित्रता से भरी है दुनिया..

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

नयी जानकारी के लिए आभार....

रानीविशाल said...

रोचक और अनोखी जानकरी दी आपने .....धन्यवाद !!

mukti said...

नर सारे ऐसे ही होते हैं---स्वार्थी. वे प्रजनन लायक नहीं हैं. इति सिद्धम्‌.

निर्मला कपिला said...

रोचक जानकारी धन्यवाद्

ताऊ रामपुरिया said...

ई प्रभु जी की दुनियां बडी विचित्र है.

रामराम.

Himanshu Pandey said...

हां, इसे पढ़ा था मैंने !
यह अजीब तो लगता है कि अपनी सामर्थ्य और शक्ति को संरक्षित करने के लिए वह गर्भपात कर दिया करता है ।
आभार ।

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

@ नर सारे ऐसे ही होते हैं---स्वार्थी.

नर हो न निराश करो मन को
कुछ 'काम' करो..

अपने ही बच्चों को चबा जाने वाली मादाओं के बारे में अगली पोस्ट लिखिएगा। :)

manu said...

जानवरों के बारे में ज्यादा नहीं जाना है हमने...
इसीलिए आपके ब्लॉग पर आते हैं के जान सकें...

नयी जानकारी के लिए आभार...