Sunday 9 August 2009

स्वायिन फ्लू :समय गवाने का वक्त नही अब !

दुःख है कि इस विश्वव्यापी महामारी को लेकर की गयी आशंकाएं धीरे धीरे हकीकत में बदल रही है -और उन सभी लोगों के लिए जो ऐसी स्थितियों के प्रति एक बेपरवाह दृष्टि लिए रहते हैं अब सजग होने की जरूरत है - इन आकडों से ऐसे लोगों की आँख खुल जानी चहिये -

1. कुल पुष्टि हो चुके मामले-772

-मृत्यु -4

उम्र सीमा -

* 0-4 y.o. = 5%

* 5-14 y.o. = 33.97%

* 15-34 y.o. = 41.6%

* 35-59 y.o. = 18%

* 60+ y.o. = 1.5%


लिंग

* पुरूष : 49%

* औरत : 51%

ट्रेंड -बढाव पर

साफ़ है कि यह युवको को ज्यादा चपेट में ले रहा है -वे सावधान हो रहें . किसी संदेह के मामले में पूरी सावधानी बरते - मास्क का प्रयोग करें ! कई बार साबुन से मल मल कर हाथ धोएं !इस पृष्ठको देखें .


10 comments:

सतीश पंचम said...

यहां मुंबई में अब स्थिति कुछ चिंताजनक होती जा रही है। लगातार नकारात्मक खबरें आ रहीं हैं। देखे आगे क्या होता है। मुख्यमंत्री ने तो कह दिया कि लोग भीडभाड वाले स्थानों पर जाने से बचें। अब हर कोई के पास खुद की गाडी तो है नहीं। वरना क्यों वह लोकल ट्रेन में बसों में धक्के खाकर जाता। मुख्यमंत्री का काम था कहना, उन्होंने कह दिया। बाकी अब तो Mango Men यानि आम आदमी को सोचना है कि वह अपनी जान किस तरह से बचा पाता है।

आंकडे जो आपने दिये हैं काफी कुछ खुद-ब-खुद कह रहे हैं। वैसे स्वाईन फ्लू से भी ज्यादा लोग दूसरी कई बीमारीयों से लगातार मर रहे हैं। देखते हैं आगे आगे क्या होता है।

Udan Tashtari said...

जरुरी जानकारी!

दिनेशराय द्विवेदी said...

महत्वपूर्ण जानकारी के लिए धन्यवाद।

वाणी गीत said...

तेजी से फैलती जा रही इस बीमारी पर जागरूक होने की जानकारी के लिए बहुत बहुत आभार ..!!

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सही और सामयिक जानकार दी. बहुत धन्यवाद.

रामराम.

seema gupta said...

कल से यही समाचार देखते देखते दिन बीता है बेहद चिंता जनक स्तिथि बनती जा रही है.....जागरूकता के लिए आभार...

regards

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

सरकार में बैठे बाबू प्रतीक्षारत हैं कि कब यह महामारी हो और फिर लाशों पर रोटियाँ सेकीं जाँय।

मेरी एक डाक्टर साहब से बात हो रही थी। उन्हों ने जो बताया वह चौंकाने वाला था। यह सामान्य फ्लू जैसा ही है और सही दवा (नाम मैं भूल गया) के सही प्रयोग, थोड़े विश्राम और सतर्कता से ठीक किया जा सकता है। बिना बात का बवाल फैलाया गया है जिसके बहुत से पहलू हैं।

राम करें डाक्टर साहब सही हों।

अभिषेक मिश्र said...

Pahle se hi jagrukta ke pryas kiye ja rahe the, magar logon ne dhyan dena jaruri nahin samjha. Ab shayad chetein.

रंजू भाटिया said...

हालात वाकई चिंताजनक होते जा रहे हैं ...इसके चलते बार बार हाथ धोने की आदत पड़ती जा रही है

arun prakash said...

गुलाम नबी आजाद तो पहले से ही इस बीमारी से निपटने के लिए हाथ व मुंह धो कर बैठे हुए हैं ये पोस्ट आप उन्ही को समर्पित कर दें क्यों की इतने बड़े देश में जब तक % में जानकारिया नहीं आएँगी मंत्री जी को सब कंट्रोल में ही नजर आता है