बना यह प्रणय कुटीर आलीशान
सबसे अनोखा प्रणय मंच कर्मी (स्टेज परफार्मर ) तो आस्ट्रेलियाई बोवर बर्ड है जिसकी १८ प्रजातियाँ हैं और सभी अपने अपने अनूठे तरीके से प्रणय पर्ण कुटीर का निर्माण मादा को रिझाने के लिए करती हैं -टूथ बिल्ड बोवरबर्ड घने जंगल की फर्श के एक नन्हे से टुकड़े को बड़ी परिश्रम से साफ़ करता है और तृन - तिनकों को बीन बीन कर एक आठ फीट का घेरा लिए हुए प्रणय कुटीर तैयार करता है और उसे तरह तरह की रंग बिरंगी चीजों से सजाता है .पत्तियों का उल्टा पीला भाग यह सामने की ओर करके पर्ण कुटीर पर चस्पा करता रहता है -मानो इसके प्रणय बसंत का भी संकेत रंग पीला ही हो ! पत्तियों की सजावट के बाद नाचना गाना शुरू हो जाता है !
बोवर बर्ड की दूसरी प्रजाति है एवेन्यू बिल्डर्स की जो अपने कुटीर में एक प्रेम गली का निर्माण करने में निपुण हैं और वह भी कोई बहुत संकरी नहीं ,अच्छी खासी चौड़ी जिससे उसकी महबूबा खरामा खरामा आराम से भीतर आ सके ! स्पाटेद बोवर बर्ड अपने प्रणय कुटीर को सफ़ेद रंग के साजो सामान से सजाती है -सफ़ेद हड्डी के टुकड़े ,पत्थर के टुकड़े ,छोटे घोंघों के सफ़ेद कवच आदि यह ढूंढ ढूंढ कर लाकर कुटीर के इर्द गिर्द बिखेरती है और मानो अपनी शान्ति प्रियता की मिसाल देना चाहती हो प्रणय संगिनी को ! फान बोवर बर्ड को हरा और गहरा नीला रंग पसंद है -सब प्रजातियों ने मानो कामवश हो इन्द्रधनुष के सभी रंगों को थोड़ा थोड़ा सा चुरा लिया हो ! डेविड अटेंन्ब्रो का यह वीडियो जरूर देखिये !
सबसे भव्य प्रदर्शन तो satin bower bird का है और इसप्रजाति पर व्यवहार विदों ने व्यापक अनुसंधान किया है .गहरे नीले काले रंग और नीली आंखों वाला नर अपने प्रणय कुटीर के एक हिस्से में एक ५ इंच चौड़ी रास गली बनाता है जिसकी दीवारें १२ इंच ऊंची और चार इंच मोटी होती हैं -कुटीर के उत्तरी सिरे पर यह रगीन वस्तुओं का मानो भानुमती का पिटारा ही चुरा लाता हो -तोतों के नीले पर ,नीले फूल ,नीले चेरी के फल ,नीले कांच के टुकड़े ,नीले फीते -रस्सी के टुकड़े ,नीले कपड़े ,नीले बटन और यहाँ तक की शहरी बस्ती के निकट के जंगलों में यह बसों के नीले टिकट ,धोबी घाट से ले उडे नीले रूमाल और थैले सभी कुछ .प्रणय की इस नीलिमा को प्रणाम ! गोपियों को कृष्ण का नीला रंग ही तो कहीं भा नही गया था -नील सरोरुह श्याम !
अब प्रणय के इस नीले रंग /ब्लू फिल्म का एक त्रासद पक्ष भी देखिये कि जब इन पक्षियों को अध्ययन के लिए बने बड़े पिजरों में दूसरी चिडियों के साथ रखा गया तो प्रणय काल में इन्होने दी गयी टहनियों और फुन्गों से कुटीर तो बना लिया मगर नीले रंग के अभाव में नैराश्य जनित क्रोध के चलते इन्होने नीले रंग की चिडियों को ही मार मार कर प्रणय कुटीर के सामने प्रदर्शित कर दिया -प्रेम के नाम पर निरीहों के बलि ! हे राम !
10 comments:
एकदम नये तरह की जानकारी!!
आप हमें एक अद्भुत दुनिया से परिचित करा रहे हैं। साधुवाद।
बहुत बढिया रहा ये अंक भी. पक्षियों के इस व्यवहार के बारे मे जानना बहुत अच्छा लग रहा है.
रामराम.
आप बहुत कुछ बता रहे हैं जीव व्यवहार के बारे में।
Shaandaar chal rahi hai ye shrinkhla.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत रोचक जानकारियाँ हैं। हमारे घर के सामने के मकान में एक पक्षी युगल ने एक घोंसला बनाया था। ऐसा घोंसला कि देखने वाले दाँतों तले उँगली दबा लें। मिट्टी से बना गजब की कारीगरी वाला यह घोंसला एक छोटी सी काली चिड़िया का था। इतना सुन्दर था कि जब वे चिड़िया चली गईं तब भी उसे एक मास्टर पीस की तरह वहीं रहने दिया। दुख तब हुआ जब किसी खुन्दकी चिड़िया ने वह घोंसला तहस नहस कर दिया। काश उस चिड़िया का नाम पता होता।
घुघूती बासूती
Nice post
अद्भुत जानकारी से साक्षात्कार । कितना अनुकरणीय़ है आस्ट्रेलियाई बोवर बर्ड के प्रणय पर्ण कुटीर का निर्माण ।
सब में प्रेम है और सब हैं जिहादी! एक ही जीव में रुद्र भी हैं और नटराज भी! :)
बबली के ब्लॉग पर आपका लिखा ' बैंगन का चोखा' कमेन्ट पढ़ कर यहाँ आई.....देखा की आप एक अद्भुत बर्ड वात्चेर हैं...और बनारस से हैं ! मैं भी वही से हु और मेरा 'बनारस का खाना' ब्लॉग आपको अच्छा लगागा शायद!
आपका लेख पढ़ कर लगता है आप बिओलोजिस्ट हैं मेरी तरह...
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