Monday 10 November 2008

बनारस में शुरू हुई राष्ट्रीय विज्ञान कथा परिचर्चा !

मित्रों ,मेरी व्यस्तता का अनुमान आप लगा सकते है -उक्त परिचर्चा के संयोजन का भार मेरे ही कमजोर कन्धों पर आ पडा है जो कल से इस धार्मिक नगरी में आरम्भ हो गयी है -कल हम लोगों ने जीशान हैदर जैदी लिखित विज्ञान कथा बुड्ढा फ्यूचर का पुतल रूपांतर देखा .शायद किसी विज्ञान कथा के पुतल रूपांतर का विश्व में यह पहला प्रयास रहा -लोगों ने इस प्रदर्शन की भूरि भूरि प्रशंसा की .दूसरे ,अमेरिकी लेखक और प्रोड्यूसर मार्क लुंड की फ़िल्म फर्स्ट वर्ल्ड का प्रीमियर शो भी हुआ जो यह इंगित करता है कि धरती पर परग्रही आ भी चुके हैं और छुप कर हमसे हिल मिल कर रह रहे हैं .यह तथ्य नासा को भी मालुम है पर वहाँ के लोग अपना होठ सिये हुए हैं ।
.कल ही विश्व विज्ञान दिवस भी था ,इस मौके को लक्ष्य कर हमने इसरो से आए वैज्ञानिक डॉ नेल्लाई एस मुथु से चाँद -कल्पना और यथार्थ पर एक बहुत ही रोचक और जानकारी वाला व्याख्यान सुना .
उक्त परिचर्चा में देश के कोने कोने से लगभग १०० प्रतिभागी आए हुए हैं .
पल प्रतिपल का कार्यक्रम आप यहाँ देख सकते हैं .

8 comments:

manvinder bhimber said...

achchi jaankaari ke liye shukriya

seema gupta said...

aise acche kamo ke liye vysttaa acche bhee lgtee hai ha ha , iss aayojen ke shuruaat liye aapko bhut bhut bdahee or ..or umeed hai ye ayojn pure treh safal rhega wish u good luck"

Regards

ताऊ रामपुरिया said...

"धरती पर परग्रही आ भी चुके हैं और छुप कर हमसे हिल मिल कर रह रहे हैं .यह तथ्य नासा को भी मालुम है पर वहाँ के लोग अपना होठ सिये हुए हैं ।"

बहुत थ्रीलिंग है ये जानकारी तो ! क्या हम लोगो में से किसी ब्लागर के भी उसमे शामिल होने की संभावना है ? मेरा मतलब वो ब्लॉगर परग्रही हो और हम लोगो के साथ रह रहा हो ! :)

इस आयोजन में आपकी सफलता के लिए शुभकामनाएं !

Ghost Buster said...

"मैन इन ब्लेक" की थीम भी यही थी धरती पर परग्रहियों के सामान्य आवागमन पर. और भी हौलीवुड की फिल्में हैं इस प्रकार की. अपने आप में बड़ी रोमांचक कल्पना है.

आपकी व्यस्तता तो जाहिर है पर समय निकाल कर थोड़ा सा लिखते रहेंगे इस विज्ञान परिचर्चा के बारे में तो हम जैसों का भला होगा.

एक दुखद ख़बर विज्ञान कथा प्रेमियों के लिए है. इस ४ नवम्बर को माइकल क्राईटन (Michael Crichton) नहीं रहे. केवल ६६ वर्ष की उम्र में अचानक उनका निधन हो गया. वे कई प्रसिद्ध नोवेल्स के लेखक थे और लोग उन्हें जुरासिक पार्क और लॉस्ट वर्ल्ड जैसी फिल्मों की वजह से ज्यादा पहचानते हैं जो उनके ही नोवेल्स पर बनी थीं.

Gyan Dutt Pandey said...

आपका उत्साह संक्रामक है। अपने को निस्पृह बचाये रखना कठिन होता है।

Udan Tashtari said...

रोचकता से रिपोर्ट पेश करते रहिये, यही आशा है. बाकी व्यस्त रहें.

आयोजन सफल रहे-हमारी शुभकामनाऐं.

दिनेशराय द्विवेदी said...

इन दिनों बाहर रहा। बाहर से लौटने पर व्यस्तता भी बढ़ जाती है। तो ब्लाग जगत से संपर्क कम हो जाता है। अच्छी जानकारी दी है। यदि संभव होता तो मैं स्वयं इस आयोजन में सम्मिलित हो कर इसे देखता और अपने लिए बहुत कुछ हासिल करता। पर अब इच्छा है कि आप से ही इस की अधिक से अधिक जानकारी मिले। आशा है आप निराश नहीं करेंगे।

राज भाटिय़ा said...

नही मै नही मानता इन सब बातो को ओर यह अमेरिकन तो वेसे भी पक्के झुठे है,क्योकि दुसरे ग्रह कि लोग जरुरी नही हमारी तरह से ही हो, ओर हर बात का सब से पहले इन अमेरिकनो को केसे पता चल जाता है???
लेकिन ब्राजील या अफ़्रीका मै कही एक कबीला है, जिन पर शक होता है कि उन का कही ना कही अंतरिक्ष से कुछ समबन्ध है.
धन्यवाद