सर्पदंश: बचाव और उपचार
यदि आप गावों में रहते हैं तो टॉर्च या पर्याप्त रोशनी के साथ ही बाहर जाएँ ,बरसात में ख़ास तौर पर .पैरों को गम बूट ज्यादा सुरक्षा देते हैं मगर नही है तो ऐसा जूता रहे जो पैर को ऊपर तक अच्छी तरह ढक सके .साथ में एक डंडा और गमछा भी रखें .
यह सापों का प्रणय - प्रजनन काल भी है -ख़ास तौर पर नाग -कोबरा का .यह एक आक्रामक साँप है .यह अपनी टेरिटरी बना कर रहता है यानी एक ऐसा क्षेत्र जिसमें किसी को भी आने पर इसे नागवार लगता है .यदि प्रणय काल में कोई इस क्षेत्र से गुजरता है तो यह आक्रमण कर सकता है .इस पर पैर पड़ जाय तो यह काट ही लेगा .अगर किसी की अचानक नाग से भेट हो जाय तो वह अपना गमछा या कोई भी कपडा तुरत फुरत निकाली हुयी शर्ट या गंजी उस पर फेक दें.यह आदतन उससे उलझ लेगा और वह रफू चक्कर हो सकता है .कोबरा को लाठी से मारना ज़रा अभ्यास का काम है .लाठी तभी इस्तेमाल में लायें जब मरता क्या न करता की पोजीशन हो जाय .क्योंकि ऐसा देखा गया है कि निशाना यदि उसके मर्म स्थल [फन और इर्दगिर्द का हिस्सा ]पर नही पडा और आदतन लाठी मारने वाले ने लाठी उठायी तो वह उसके शरीर पर आ गिरेगा .और फिर वह क्रोध में काटेगा और विष भी ज्यादा निकालेगा .
विषैले सापों में दो विषदंत आगे ही ऊपर के जबड़े में होता है और २ विष की थैली इसी से दोनों और जुडी रहती हैं
खुदा न खास्ता साँप काट ही ले तो -
धैर्य रखें ,दौड़ कर न जाएँ -भागें न ,इससे विष रक्त परिवहन के साथ जल्दी ही पूरे शरीर में फैल जायेगा .रूमाल ,गमछा से जहाँ दंश का निशान है उसके ऊपर के एक हड्डी वाले भाग यानी पैर में काटा है तो जांघ में और हाथ में काटा है तो कुहनी के ऊपर बाँध दे ,बहुत कसा हुआ नही .पुकार कर किसी को बुलाएं या धीरे धीरे मदद के लिए आस पास पहुंचे .और तुंरत एंटीवेनम सूई के लिए पी एच सी पर या जिला अस्पताल पर पहुंचे .यह सूई अगर आसपास किसी बाजार हाट के मेडिकल स्टोर पर मिल जाय तो इंट्रामस्कुलर भी देकर अस्पताल तक पहुंचा जा सकता है -जहाँ आवश्यकता जैसी होगी चिकित्सक फिर इंट्रा वेनस दे सकता है . अगर आप के क्षेत्र में साँप काटने की घटनाएँ अक्सर होती है तो पी एच सी के चिकित्सक से तत्काल मिल कर एंटी वेनम की एडवांस व्यवस्था सुनिशचित करें - मेडिकल दूकानों पर भी इसे पहले से रखवाया जा सकता है . अगर शरीर में जहर ज्यादा उतर गया है तो एंटीवेनम के ५-१० वायल तक लग सकते हैं . एंटीवेनम १० हज़ार लोगों में एकाध को रिएक्शन करता है -कुशल चिकित्सक एंटीवेनम के साथ डेकाड्रान/कोरामिन की भी सूई साथ साथ देता है -बल्कि ऐसा अनिवार्य रूप से करना भी चाहिए .
कोबरा के काट लेने के लक्षण क्या हैं -काटा हुआ स्थान पन्द्रह मिनट में सूजने लगता है .यह कोबरा के काटे जाने का सबसे प्रमुख पहचान है .ध्यान से देखें तो दो मोटी सूई के धसने से बने निशान -विषदंत के निशान दिखेंगे .
प्राथमिक उपचार में नयी ब्लेड से धन के निशान का चीरा सूई के धसने वाले दोनों निशान पर लगा कर दबा दबा कर खून निकालें .और किसी के मुहँ में यदि छाला घाव आदि न हो तो वह खून चूस कर भी उगल सकता है .
विष का असर केवल खून में जाने पर ही होता है यदि किसी के मुंह में छाला पेट में अल्सर आदि न हो तो वह सर्पविष बिना नुकसान के पचा भी सकता है .
कोबरा का १२ माईक्रो ग्राम आदमी को मार सकता है मगर वह एक भरपूर दंश में ३२० माईक्रोग्राम विष तक मनुष्य के शरीर में उतार सकता है .मगर प्रायः लोग पावों को तेज झटक देते हैं तो पूरा विष शरीर में नही आ पाता .इसलिए कोबरा का काटा आदमी ५-६ घंटे तक अमूमन नही मरता .और यह समय पर्याप्त है एंटी वेनम तक पहुँच जाने के लिए।
करैत सुस्त साँप है मगर इसका ६ मिक्रोग्राम ही मौत की नीद सुला सकता है .यानी कोबरा के जहर की केवल आधी ही मात्रा .इसके बारे में कल ......
3 comments:
bahut acchi jankari. aishe vishyon par likhne ki aavshyakta hai.
जानकारी के लिए धन्यवाद। हमारा तो साँपों से आमना सामना होता ही रहता है। यदि चलते समय किसी लाठी से ठकठक करके भी चला जाए तो साँप आप ही राह छोड़ देगा। आमतौर पर वह मनुष्यों से उलझना नहीं चाहता।
क्या सर्प विष प्रतिरोधक रखने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता है ? हाल में मुझे ऐसा बताया गया परन्तु मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई नियम होगा।
घुघूती बासूती
Bhagwaan kobra se sabko bachaaye.
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