Tuesday 18 March 2008

विज्ञान कथा के मसीहा आर्थर सी क्लार्क नही रहे !


आज सुबह सुबह ही उन्मुक्त जी
से जानकारी मिली कि विज्ञान कथा के मसीहा आर्थर सी क्लार्क नही रहे .यह विज्ञान कथा प्रेमियों के लिए किसी सदमे से कम नही है .विज्ञान कथा की मशहूर तिगड़ी आइज़क आजीमोव ,राबर्ट हीन्लिनऑर क्लार्क का यह आख़िरी पाया आज बिखर गया .यह वही क्लार्क हैं जिन्होंने १९४५ मे संचार उपग्रहों की सूझ रखी थी जिसके जरिये आज हम इंटरनेट पर उंगलियाँ थिरका रहे हैं .उनकी कई किताबों ,लगभग १०० मे मुझे रान्दिवू विथ रामा ऑर २००१ अ स्पेस ओडिसी बहुत प्रभावशाली लगी थी .क्लार्क ब्रिटेन के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने के बाद भी १९५६ से श्रीलंका मे स्थायी तौर पर रह रहे थे ।
हम जल्दी ही उन पर हिन्दी ब्लागर्स के लिए विस्तृत चर्चा करेंगे अभी तो यह त्वरित प्रतिक्रिया थी एक अलग फॉरम पर हम एक शोक गोष्ठी आयोजित कर रहे हैं -
http://in.groups.yahoo.com/group/indiansciencefiction/message/1325

3 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

दुखद। यह और भी दुखद है कि हमने आर्थर सी क्लॉर्क के बारे में पढ़ा था पर उनकी पुस्तक नहीं पढ़ी।
हमें आपकी विस्तृत चर्चा का इंतजार रहेगा।

उन्मुक्त said...

कलार्क एक बेहतरीन लेखक थे और मेरे प्रिय लेखकों में एक।

मुझे प्रसन्नता है कि न मैंने उनकी लिखी सारी पुस्तकें पढ़ी हैं पर उन्हे सजों कर अपने व्यक्तिगत पुस्तकालय में रखी है।

मैं अपनी श्रंखला बाईबिल, खगोलशास्त्र, और विज्ञान कहानियां में उनकी कुछ पस्तकों की चर्चा करूंगा।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

नि:संदेह आर्थर सी क्लार्क के रूप में विज्ञान कथा जगत ने एक महान लेखक खो दिया है। दुर्भाग्यवश मैं अभी तक उनकी कोई पुस्तक नहीं पढ सका हूं, पर विभिन्न चर्चाओं और समीक्षात्मक आलेखों के द्वारा उनकी रचनाधर्मिता के महत्व को थोडा बहुत जान सका हूं। इसलिए मुझे अरविंद जी की विशेष चर्चा और उन्मुक्त जी की समीक्षा की प्रतीक्षा रहेगी।