Wednesday, 10 June 2015

नीली गोली के बाद अब गुलाबी गोली को हरी झंडी!

पुरुषों के बेहतर प्रदर्शन के लिए मददगार विख्यात नीली गोली (वियाग्रा) के बाद अब अमेरिकन महिलाओं को भी जल्द ही महिला यौन रोग के उपचार के नाम पर पहली बार " गुलाबी वियाग्रा ' मुहैया हो जाएगी जिसे कामेच्छा बढ़ाने की (विवादास्पद गोली ) का खिताब मिल जाएगा।  एफडीए के एक पैनल द्वारा इसे फिलहाल ट्रायल की मंजूरी  दे दी गयी है। 18-6 वोट से , खाद्य एवं औषधि प्रशासन के विशेषज्ञों के एक पैनल ने इस प्रयोगात्मक दवा फ्लिबेनसरिन ( flibanserin) को हरी झंडी दे दी है.मगर  इसके प्रयोग से निम्न रक्तचाप , चक्कर आना और बेहोशी आदि के आनुषंगिक प्रभावों से बचने के लिए सावधानियां भी सुझाई गयी हैं।



जैसे पुरुषों में वियाग्रा से यौनक्रिया के प्रदर्शन में सुधार हुआ  उसी तरह से यह गोली महिलाओं के सेक्स जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि कर सकती है। लेकिन एक मूल अंतर यह है जहां वियाग्रा पुरुष अंग में रक्त प्रवाह को बढ़ाकर यौन क्रिया के निष्पादन क्षमता एवं समय को मात्र "हाइड्रॉलिक" तरीके से बढ़ाता है 'गुलाबी गोली' महिला कामुकता में अप्रत्यक्ष तरीके से प्रभाव डालती है. यह मस्तिष्क के कुछ रसायनों के स्रवण को प्रभावित करती है। विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार महिला को सोते समय एक 100 मिलीग्राम की गोली लेनी होगी। इससे सुखमूलक रसायन डोपामाइन का स्रवण जहां बढ़ेगा वही संतुष्टि के रसायन सेरेटोनिन का स्रवण कम हो जाएगा!


इस दवा की मालिक कंपनी - उत्तरी कैरोलिना स्थित एक  फार्मास्यूटिकल्स के लिए यह  बड़ी जीत है। अमेरिका के महिला राष्ट्रीय संगठन के अध्यक्ष टेरी ओ 'नील ने कहा कि "मुझे लगता है कि यह गोली महिलाओं की कामुकता की बेहतर समझ और एक स्वस्थ तरीके से उनके द्वारा अपनी कामुकता के नियमन की दिशा में एक बड़ा कदम है." वैज्ञानिकों और दवा कंपनियों में ब्लॉकबस्टर दवा वियाग्रा की सफलता के पश्चात महिलाओं की यौन समस्याओं का इलाज करने के लिए एक गोली के विकास और विपणन पर वर्षों से  प्रयास चल रहे थे.

फ्लिबेनसरिन के समर्थकों द्वारा पुरुषों के लिए  वियाग्रा सहित  कई यौन - रोग दवाओं को मंजूरी देने किन्तु कामेच्छा की कमी से पीड़ित अमेरिकी महिलाओं की एफडीए द्वारा लगातार उपेक्षा की शिकायत की जाती रही है. आलोचकों द्वारा यौन बराबरी के बजाय दुहरे मानदंड का भी आरोप लगाया जा रहा था। जबकि दवा के विरोधियों का दावा था कि एक भावनात्मक मुद्दे के नाम पर दवा कंपनी एक अनावश्यक गोली बाज़ार में उतार कर मुनाफा कमाना चाहती है।

यद्यपि अभी गुलाबी गोली को व्यापक स्तर पर इस्तेमाल की अंतिम मंजूरी नहीं मिली है किन्तु ऍफ़ डी  ए के अनुमोदन के उपरान्त यह महिलाओं में  रजोनिवृत्ति के  पहले  हीन  यौनेच्छा एवं अन्य यौन विकारों के उपचार में कारगर होगी जैसा की अमेरिका की लगभग ४८ लाख महिलायें इसकी शिकार हैं. महिला स्वातंत्र्य  की दिशा में भी इस कदम को देखा जा रहा है!

2 comments:

जसवंत लोधी said...

वाह वाह ।Seetamni. blogspot. in

Unknown said...

Aap khon