Saturday, 4 April 2015

रक्तिम चन्द्रग्रहण चौकड़ी का तीसरा चाँद

जब सिलसिलेवार चार खग्रास चंद्रग्रहण यानि पूर्ण चंद्रग्रहण का अवसर आता है तो इसे चन्द्र चौकड़ी के नाम से जाना जाता है। पिछले वर्ष माह अप्रैल में पूर्ण चंद्रग्रहणों की चौकड़ी का आरम्भ हुआ था ,फिर सितम्बर माह और अब आज कड़ी का तीसरा चंद्रग्रहण दिखा जो इस सदी का सबसे अल्प अवधि का पूर्ण चन्द्र ग्रहण है। अगला पूर्ण चंद्रग्रहण आगामी सितम्बर माह में दिखेगा। इस बार बस पाँच मिनट की पूर्णता और कुछ ही समय में मोक्ष भी.

                                         ऑस्ट्रेलिया  में ऐसा दिखा रक्त चन्द्र


हालांकि भारत में यह अरुणांचल प्रदेश में अच्छी तरह दिखा लेकिन भारत के शेष पूर्वी और कुछ पश्चिमी भागों में भी यह आंशिक ही दिख पाया। दरअसल चंद्रोदय के समय ही यह आंशिक ग्रहण लिए दिखा। ऑस्ट्रेलिया अमेरिका के पश्चिमी प्रांतों में पूर्ण ग्रहण दिखा है।अमेरिका के पश्चिमी प्रांतों में यह तड़के सूर्योदय के पहले और ऑस्ट्रेलिया,न्यूजीलैंड और पूर्वी एशियाई देशों -भारत सहित शाम को चंद्रोदय ही ग्रहण के साथ हुआ हालांकि यह आंशिक विमोचन की अवस्था का ग्रहण था।

                जब सूर्य और चन्द्रमा के बीच में पृथ्वी आती है तो होता है सम्पूर्ण चंद्रग्रहण 
जब पूर्ण चंद्रग्रहण होता है तो सूरज की रोशनी का रक्तिम अंश ही धरती के वातावरण जो चौतरफा 80 किमी की ऊंचाई लिए होता है से छन और परावर्तित होकर चन्द्रमा तक पहुचती है और इसलिए चाँद ताम्बई लालिमा लिए दीखता है. इसे ब्लड मून का नामकरण पादरियों ने दिया है जो इसे किसी बड़ी घटना की आशंका मानते हैं जबकि खगोलविद इसे एक सामान्य खगोलीय घटना ही मानते हैं! 

ग्रहणों से कई तरह के अन्धविश्वास जुड़े हुए हैं जैसे ग्रहण दो दैत्यों द्वारा राहु केतु द्वारा सूर्य और चन्द्रमा का भक्षण कर लेने के कारण होता है।  इस अवधि में कुछ खाना पीना नहीं चाहिए।  मगर ऊपर का चित्र यह स्पष्ट करता है की ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है बस!  
चित्र आभार:अर्थस्काई  

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