ताज्जुब की बात है आज दो खबरों में तोते को पिजरे में ही अंडा देने का समाचार सुर्ख़ियों में है और दोनों अलग अलग जगहों से ...एक खबर बनारस से है तो दूसरी समस्तीपुर बिहार से ....और दोनों ही दैनिक जागरण में ....अमूमन भारतीय तोते पिजरों में अंडे नहीं देते जो कि एक सामान्य अवलोकन की बात है .हाँ बुजेरिगर्स जिन्हें आम तौर पर लोग लव बर्ड्स भी कह देते हैं (जबकि वे अलग प्रजाति हैं ) पिजरे में अंडे दे देते हैं और उनसे बच्चे भी निकलते हैं ..मगर तोते आम तौर पर पिजरे में अंडे नहीं देते ..जो बात मुझे हैरानी में डाल रही है वह यह है कि एक ही समय में यह अनहोनी सी घटना दो अलग अलग प्रान्तों में घटी है और दोनों ही रिपोर्ट एक ही समाचार पत्र समूह के दो अलग संस्करणों में छपी है ...समय एक है ,घटनाएं अलग अलग स्थानों की ...यह कोई प्लांटेड खबर तो नहीं है ?
कुछ लोगों को यह ताज्जुब लगता है बिना नर के मादा अंडे नहीं दे सकती -लोग भूल जाते हैं कि फ़ार्म के मुर्गी के अंडे बिना नरों के साहचर्य के ही निअकलते हैं -हाँ निषेचन के लिए नर का साथ रहना जरूरी है -अन्यथा मादा में अनिषेचित अंडे का अविकास सहज तौर पर होता है और समयानुसार उनके अंडे बाहर आ ही जायेगें -वे निषेचित हों या अनिषेचित ..मगर तोते को पिजड़े में अंडे देने का समाचार मैंने पहली बार सुना तो इन्टरनेट खंगाला और पाया कि यह कोई नई घटना नहीं है -मगर एक ही कालावधि में दो सुदूर जगहों पर ऐसी घटना का एक साथ घटना जरूर हैरानी में डालता है .यह तोतों का प्रजनन काल है तो यह संभव ही है और बदलते पर्यावरण और पर्यावास के नाश होने के कारण अगर तोते पिजड़े में अंडे दे रहे हैं तो इसे पक्षी विज्ञानियों को एक नए नजरिये से देखना होगा ! क्या इनका प्रजनन व्यवहार बदल रहा है?
12 comments:
टेबल न्यूज हो सकती है। अखबारों के दफ्तर ऐसी खबरें जनते रहते हैं।
ताज्जुब लगता है ..
ब्लॉगरा प्रकरण के बाद आप बहुत सतर्क हो गए हैं। अंडे तो तोती के होंगे :)
यह तो नई खबर है जो कभी न देखी - न सुनी.
देखिये जी हम तो मोटी बुद्दि के आदमी है. अंडा तो अंडा होता है किसी ने कहीं भी दिया हो. पर हमे तो गिरजेश राव जी के सवाल का जवाब चाहिये. बस.......
रामराम.
खबर तो बहुत रोचक है।
अंडे का डी एन ए टेस्ट होना चाहिए !:)
रोचक खबर..
ये सच में आश्चर्य और पर्यवेक्षण की बात है, यदि सच है तो.
@गिरिजेश राव,"मादा तोता" भी कहा जा सकता है. वैसे ये सभी को मालूम है कि तोता अंडे नहीं दे सकता, तो इसमें स्पष्टीकरण की ज़रूरत क्या है? "गौरैया" के नर को "गौरा" तो नहीं कहा जाता. पशु-पक्षियों को लिंग के बन्धनों से मुक्त ही रहने दें तो अच्छा है.
हम नारीवादी आपलोगों को इस बात पर परेशान नहीं करेंगे. सच्ची.
रोचक.
वैसे टिप्पणी तो कुछ ओर ही करना चाह रहे थे लेकिन गिरिजेश जी के सवाल को पढकर विचार त्याग दिया :-)
आश्चर्य !
यह तो शोध का विषय.
अजीब अजीब सी घटनाओं का दौर थम नहीं रहा ..
वक़्त में बदलाव है..इसी को कलयुग कहते हैं!
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