आगामी २०१२ में प्रलय की अनेक संभावनाएं व्यक्त हो रही है ! एक ब्लाकबस्टर फ़िल्म भी अभी अभी रिलीज हुई है नाम है २०१२!
हिन्दी नाम रखा गया है प्रलय की शुरुआत! क्या फिलम है भाई!हौलनाक,दहशतनाक ,खौफनाक सब विशेषण पानी मांगते नजर आते हैं! कमजोर दिल वालों का हार्ट अटैक हो सकता है -बिलीव मी! मैं तो इंटरवल में ही पनाह मांग गया -बार बार दिल को यकीन दिलाया कि भैये ये हकीकत नहीं है तब जाकर उसने बल्लियों उछलना छोड़ा! आप भी मजबूत कलेजा करके ही इस फ़िल्म को देखें! सच कह रहा हूँ -इसे कैजुअली लिए तो भुगतिएगा! इस फ़िल्म में धरती का महाविनाश दिखाया गया है!कारण तो बोगस विज्ञान(गलत ढंग और तौर तरीके से पेश हुआ विज्ञान ) है कि सौर ज्वालाओं की अधिकता के चलते न्यूट्रिनो (एक नाभिकीय अनावेषित कण ) की बौछार से धरती का गर्भथल पिघल उठता है और ऊपरी परतें दरक जाती हैं ,और दरकती चली जाती हैं -महाद्वीप के महाद्वीप नष्ट होते जाते हैं -भयंकर सुनामियाँ उन्हें लीलती चलती हैं! जैसे खुद महाकाल अपने जबड़ों को खोल सारी दुनिया को निगल लेने को उद्यत हो गया हो! मानवता का वजूद मिटने को है ! एक नई प्रलय आ धमकी है!
कहानी: धरती में पड़ती दरारें और भूकंप जैसी घटनाओं की जांच के संबंध में एक अमेरिकी भूवैज्ञानिक एड्रियन (श्वेतल एजिफर) को अपने एक दोस्त वैज्ञानिक सतनाम (जिम्मी मिस्त्री) से मिलने के लिए भारत आना पड़ता है। सतनाम एड्रियन को दिखाता है कि किस तरह से धरती का तापमान तेजी से बढ़ रहा है। एड्रियन वापस जाकर इसकी रिपोर्ट अमेरिकी राष्ट्रपति थॉमस विल्सन (डैनी ग्लोवर) के सचिव कार्ल (ऑलिवर प्लैट) को सौंपता है। कुछ अन्य देशों के राष्ट्रपतियों की बैठक के बाद यह साफ हो जाता है कि तीन वर्षो बाद यानी 2012 में धरती का विनाश हो जाएगा।"
मगर क्या यह सब हकीकत में बदल सकता है? क्या २०१२ में प्रलय आने वाली है? क्या उसके पहले नहीं आ सकती? आने वाली प्रलय अगर वह आई तो कैसी होगी? जल प्रलय? जिसमे सारी दुनिया जल समाधि लेगी! या फिर अग्नि प्रलय जिसमे सूर्य नेजे पर (धरती के बहुत करीब ) आ जायेगा और धरती भक्क से जल उठेगी! सारीं मानवता स्वाहा! आखिर ऐसी हे तो होगी प्रलय? मगर वैज्ञानिकों की राय में धरती पर आने वाली आपदाओं में किसी पथभ्रष्ट धूमकेतु या फिर उल्का पिंड या क्षुद्र ग्रह/ग्रहिका की ज्यादा भूमिका हो सकती है जो अचानक ही धरती के परिवेश/कक्षा में आकर जल कर या सीधे टकरा कर प्रलय सी तबाही मचा सकते हैं! जैसे कि कहा जाता है कि कोई ६ करोड़ वर्ष पहले ऐसी ही एक घटना में डायनोसोर लुप्त हो गए थे!सौ वर्ष पहले रूस के तुंगुस्का में भी एक ऐसी ही घटना में लाखो जीव जंतुओं का सफाया हो चुका है!
प्रलय का कोई दिन मुक़र्रर नहीं है -यह दबे पांव आ भी सकती है -संभावनाएं हैं मगर २०१२ में ही ऐसा हो कौन निश्चितता से कह सकता है ? प्रलय आनी होगी तो कभी भी आ सकती है -आसमान के रास्ते ! दबे पांव ! मगर हम भी तैयार है बल्कि हो रहे हैं ! मेरी माने तो मस्त रहे -धरती का बाल बांका भी नहीं होने वाला है ! मगर मेरी इस बात में क्या दम है -सही आपत्ति है आपकी मगर यह एक अंतर्बोध है जिसके वजूद को विज्ञान की पद्धति में भी इनकार नहीं किया जा सका है !
24 comments:
मिश्र जी, विराम या अन्य चिन्ह जगह छोड़ कर क्यों लगा रहे हैं। इस कारण कई जगह वे अगली पंक्ति में आ रहे हैं, जैसे कि दूसरे परिच्छेद की दूसरी एवं अन्तिम पंक्ति में।
मेरे विचार से इन चिन्हों को बिना जगह छोड़े लगाया जाना चाहिये जैसा कि मैंने इस टिप्पणी में किया है।
हांलाकि कुछ लोग जगह छोड़ कर लगाने की बात करते हैं। मेरे विचार से यह ठीक नहीं है।
प्रलय? मेरे भाई, वह अभी बहुत दूर है। वैयक्तिक जीवन का कोई पता नहीं। लेकिन समष्टि में जीवन निरंतर है। वह चलता रहेगा। प्रलय भी तो रूप की ही होगी, तात्विक तो नहीं। भय की आवश्यकता क्या है? अभी मनुष्य को विकास के अनेक सोपान पार करने हैं।
@शुक्रिया उन्मुक्त जी ,यथा समझ सुधार कर दिया है!
आपको असुविधा हुयी ,खेद है !
क्या प्रलय को रोका जा सकता है ? यदि नहीं तो चिंता लेने की कोई जरूरत नहीं । आदमी जो प्रलय कर रहा है उसकी चिंता लेनी चाहिए जैसे कल 26/11 किया गया था ।
अजी आ जाये प्रलय भी देखा जायेगा, अभी से क्यो डरे, जब पता है मरना है तो फ़िर मोत से केसा डर,
आदरणीय अरविन्द जी
अब प्रलय को आ ही जाने दीजिये
इतनी बेसब्री से इन्तजार कर रहे हैं सब लोग !
kuch bhi bharosa nahi hai prjriti kab karwat le waise bhi ham parkriti ke bare me kitana soch rahe hai??
badhiya prsang..dhanywaad
Just appreciate film for the special effects and do not worry
प्रलय के बाद मेरे ब्लॉग का क्या होगा..चिन्ता सताने लगी.
आदमी प्रलय को ओपन इंविटेशन देता है रोज - प्रकृति के खिलाफ शाजिश कर!
सो प्रलय से क्या भय! :)
राज भाटिया जी का जज़्बा देखिये । आने दीजिये प्रलय । फ़िल्म देखने की अनुशंसा है ?
@Himansu,Please consider the suggestion of Swapndarshi also as my own view on it!
प्रलय का साक्षात् चित्रण भी कम प्रसंशनीय नहीं है.....फिल्म जरुर देखेंगे अब , बाकि जो इश्वर की इच्छा जब प्रलय आनी होगी आएगी ही......
regards
मिश्र जी,
राज भाटिया जी बिल्कुल सही कह रहे हैं। कल की चिन्ता में हम अपनी आज की मस्ती को क्यों खराब करें।
और फिर फिकर करने की क्या बात है? यदि प्रलय आ भी जायेगी तो भी हम सब किसी और दुनियाँ में जाकर हिन्दी ब्लोगिंग करने लगेंगे!
अरविन्द जी, मैं तो पलके बिछाए बैठा हूँ :)
मुझे तो यह चिंता है कि प्रलय के बाद आप सबके ब्लाग कैसे पढ पाऊंगां। :)
प्रणाम स्वीकार करें
अरे वाह अरविंद जी, प्रलय तो नहीं आई, पर इतने सारे कमेंट आ गये। बढिया है। ऐसी प्रलयें बार बार आती रहें।
ह ह हा।
मैं सोचता हूं कि अगर प्रलय आगया तो मेरी ताऊगिरी का क्या होगा? :)
रामराम.
अभी तो बहुत वक्त है 2012 मे । अभी से जीना क्यों छोद दें ।शुभकामनायें
एक निवेदन है कि अपने ब्लॉग का नाम बदल लीजिये मै अब तक इसे साई बाबा के नाम से बना धार्मिक किस्म का ब्लॉग समझ कर यहाँ आता ही नहीं था इसलिये कि मैं किसी भी धार्मिक ब्लॉग पर नहीं जाता हूँ ।
सबसे पहले तो इस बात की बधाई कि आपने प्रलय की इस घटना को को अतिरंजित कर प्रस्तुत नहीं किया । फिल्म तो मुनाफा कमाने के लिये बनाई गई है और वह कमायेगी ही ,इससे पूर्व भी ऐसी फैंटासी फिल्मे आ चुकी है । इससे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है । अच्छे काम करें और प्रसन्न रहें ।
KOKAS JI
plz see this-
http://indianscifiarvind.blogspot.com/search/label/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%89%E0%A4%97%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3
2०१२ का तो पता नही, काल्पनिक ज्यादा लगता है।
लेकिन कई साल पहले एक और फ़िल्म देखि थी ---दी डे आफ्टर ।
इसमे न्यूक्लियर वार से होने वाले प्रभाव को दिखाया गया था।
ये हकीकत है, और कभी भी घटित हो सकती है।
लेकिन फिलहाल तो जी लें।
प्रलय आती है बार बार. पहले भी 1984 नाम से आयी थी. ये फिल्म हो या अन्य कई, अमेरिकन बड़े भयाक्रांत लोग हैं, इसलिये ऐसी फिल्म बनाते हैं.
लेकिन, पृथ्वी का जिस तरह शोषण हो रहा है, प्रलय तो आयेगी ही, 2012 नहीं तो 2112 या 2212...
pralaya ke khauf se itna dr baithaa ja rahaa hai k us wqt ko bahut qreeb paaya ja rahaa hai,,,jb hogaa tb hogaa,,,
'hadisoN ke khauf se
kya muskrana chhorh deiN...'
haaN...!!
film dekhne mei koi buraee nahi...
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