प्रोफेसर यशपाल को विज्ञान संचार के सर्वोच्च पुरस्कार "कलिंग/कलिंगा पुरस्कार " से सम्मानित किया गया है! कभी उडीसा के मुख्य मंत्री रहे बीजू पटनायक जी ने एक युग द्रष्टा की भूमिका अपनाते हुए इस पुरस्कार के लिए यूनेस्को को मुक्त हस्त से १९५२ मे ही एक बड़ी धनराशि दान कर दी थी -वे भारत के कलिंग फाउनडेशन ट्रस्ट के संस्थापक थे.विज्ञान संचार के क्षेत्र में किसी बड़े योगदान के लिए कलिंगा पुरस्कार प्रावधानित हुआ था -ऐसा काम जो आम लोगों की समझ में विज्ञान को आसान कर सके ! अभी तक तो ज्यादा वैज्ञानिकों को ही इस पुरस्कार के लिए चुना गया है मगर मानविकी ,पत्रकारिता की भी दुनिया से लोग आम आदमी तक विज्ञान की सरल समझ विकसित करने के प्रयासों के लिए इस पुरस्कार के लिए क्वालीफाई हो सकते हैं ! विजेता को दस हजार स्टर्लिंग पाउंड और यूनेस्को के अलबर्ट आईनस्टीन सिल्वर मैडल से नवाजा जाता है ! अब विजेता को रूचि राम साहनी चेयर भी प्रदान की जाती है जिसे भारत सरकार ने कलिंग पुरस्कार की पचासवीं जयंती पर संकल्पित किया है !पुरस्कार द्विवार्षिक है और विश्व विज्ञानं दिवस पर १० नवम्बर को प्रदान किया जाता है !
भारत से अभी तक इस समान से नवाजे गए लोगों की सूची निम्नवत है -
1963-जगजीत सिंह
1991 -नरेंद्र के सहगल
1996 -जयंत नार्लीकर
1997 -डी बाला सुब्रमन्यियन
और अब यशपाल जी को यह पुरस्कार मिला है ! यशपाल जी के विज्ञान के प्रचार प्रसार के लिए किये गए कामों को कौन नहीं जानता -पहली बार सही अर्थों में यह पुरस्कार यशपाल का संस्पर्श पाकर सम्मानित हुआ है !
15 comments:
सत्य वचन। पुरस्कार गौरवांवित हुआ है। मुझे डा. यशपाल की समझावन शैली बहुत पसन्द है।
दूरदर्शन पर विज्ञान संबन्धी कार्यक्रमों में प्रो. यशपाल को सुनना हमारे बचपन का जरूरी हिस्सा रहा हैं। जन संचार के माध्यमों पर विज्ञान को सहज और बोधगम्य बनाकर प्रस्तुत करने में सिद्धहस्त इस विज्ञानसेवी को सम्मानित करके कलिंग फाउण्डेशन का गौरव बढ़ गया है।
प्रो.यशपाल को नमन और आपको इस पोस्ट की बधाई।
सही है, सही अर्थों में यह पुरस्कार यशपाल का संस्पर्श पाकर सम्मानित हुआ है!
खुशी हुई जानकर । प्रो. यशपाल इसके हकदार हैं ।
डा0 यशपाल जैसे व्यक्ति को सम्मानित करके निसंदेह यह पुरस्कार भी गौरवान्वित हुआ है। इस महत्वपूर्ण सूचना को हमारे साथ बांटने के लिए आभार।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
मुझे यसपाल जी को कई बार सुनने का सुअवसर प्राप्त हुआ है वे विज्ञान को बहुत आसान भाषा में रखते हैं। समाचार सुन कर अच्छा लगा।
डॉक्टर यशपाल जी जैसे महान व्यक्ति को पुरस्कार से सम्मानित करने की बात सुनकर बेहद खुशी हुई! बहुत बढ़िया पोस्ट!
He may not be the scientist with most discoveries and patents. But he surely is most well connected one, and most media friendly. That got him this award.
I dont mean any disrespect to him but..... what got him this award is not his brilliance but his media friendly, social image and savvyness played a big role.
Otherwise Gunakar Mule has done comparable (if not batter) job.
Yah bahut khushi ki khabar hai.
unhen hamara sadar naman.
I quite agree to your stand ,yes Gunakar Mule would have been a better choice for the Kalinga but since his work is mostly in Hindi -it seems to be yet another reason why his name would have not been considered or even forwarded by any one /stakeholders!
सही कहा भाई जी सही हाथों में ही पुरस्कार सजता है...
डा. यशपाल को ढूंढने में इतना समय लगा पुरस्कार को!!
यशपालजी, विज्ञान को लोकप्रिय बनाने वाले अग्रणी शिक्षाविद हैं। यह सम्मान उन्हें बहंत पहले मिल जाना चाहिए था। खैर आयद दुरूस्त आयद।
विज्ञान पर आप के लेखन को मेरा सलाम
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