पर्सिज तारामंडल को लोकेट करें -चित्र पर क्लिक्क करें
जी हाँ ,गूगल बाबा की पैनी निगाहें आगाह कर रही हैं कि अन्तरिक्ष में आज रात एक अद्भुत नजारा दिखेगा जिसे आधीरात के बाद उत्तरी पूर्वी क्षितिज में देखा जा सकेगा ! यह अद्भुत दृश्यावली पर्सिज उल्का वृष्टि (Perseid meteor shower) कहलाती है -आसमान में लुक्क -लुक्कारे छूटते हैं .आम आदमी को लगता है देवता लोग आतिशबाजी का लुत्फ़ उठा रहे हों ! वैसे भी बरसात का जिम्मा इन्द्रदेव ने इस बार संभाला ही नही है उन्हें फुरसत ही फुरसत है आतिशबाजी खेलने की ! मगर इस आकाशीय आतिशबाजी का कारण तो कुछ और ही है -होता यह है कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुए प्रत्येक वर्ष उस नियत स्थान पर जा पहुँचती है जो एक धूमकेतु स्विफ्टटटल का परिभ्रमण पथ है और जहाँ उससे उत्सर्जित मलबा /कचरा जमा है ! जब धरती के परिवेश से इस कचरे के धूल धक्कड़ टकराते है तो जल उठते हैं और हमें आसमानी आतिशबाजी का नजारा दिखता है !
अन्तरिक्ष में वह जगह जहाँ हमारी धरती स्विफ्ट टटल के परिभ्रमण पथ से गुजरती है पर्सिज तारामंडल (perseid constellation ) का पृष्ठभूमि लिए हुए दिखती है -इसलिए इस घटना को पर्सिज उल्का वृष्टि भी कहते हैं !यह प्रत्येक वर्ष १०-१२ अगस्त को अपने चरम पर होती है -आज यह नजारा अपने उरूज पर होगा ! आप अगर इन दिनों आसमान के तारों को गिन रहे हो या बादलों की खोज में निगाहें रात में भी आसमान की ओर बार बार उठ जा रही हों तो पक्का दिखेगा यह नजारा आपको -हाँ निगाहें उत्तरी पूर्वी क्षितिज की ओर रखियेगा -पानी की बूंदों की बौछार की बजाय इस बार उल्कों की बौछार /बरसात से ही दिल बहला लीजिये ! एक बार यह अनुभव भी सही!
यह वीडियो भी देख लीजिये !
6 comments:
जानकारी के लिए आभार! लेकिन नहीं देख पाएंगे। मुश्किल से बादल हुए हैं, चाहते हैं पानी की बरसात हो।
हमारे यहां तो धूप निकले ही दस दिन हो गये..लगता नही की ये देखने का सौभाग्य मिलेगा. फ़िल्हाल तो आपके खींचे हुये चित्रों से ही मन बहला लेंगे. अगली पोस्ट मे चित्र हो सके तो अव्श्य लगाईयेगा.
रामराम.
इस अद्भुत जानकारी के लिए आभार
regards
Oh, hum to chook gaye.
{ Treasurer-S, T }
Is aatishbaji ko niharane ka pryas hamara bhi rahega.
चलिए देखते हैं!!
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