विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब इस विश्व महामारी ( पैन्डेमिक ) के स्तर को ६ पर ले जाने का फैसला कर लिया है .आपको याद दिला दें कि पैडेमिक -महामारियों के स्तर को एक ६ बिन्दु वाले स्केल से जाना समझा जाता है -६ का मतलब है कि अमुक वैश्विक महामारी दुनिया में चारो ओर फैल चुकी है ! स्वायिन फ्लू के यूरोप ,एशियाई देशों जिसमें भारत भी है ,दक्षिण अमेरिका ,आस्ट्रेलिया ,जापान आदि जगहों से फैलने के समाचारों की पुष्टि हो गयी है .
कुल मिला कर इसने ६४ देशों को अब अपने गिरफ्त में ले लिया है .अब तक ११७ मौतें जाहिर हो चुकी हैं .
विश्व स्वास्थ्य संगठन पर इस बात का दबाव पड़ रहा था कि इस महामारी के स्तर को ६ न घोषित किया जाय ! क्योकि इससे वैश्विक आवाजाही ,व्यवसाय और पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है -मगर अभी कल ही २३ देशों के ३० महामारी विशेषज्ञों कीसमवेत राय पर इसके छठें स्तर का अलर्ट किसी भी समय घोषित करने का फैसला ले लिया गया है.इसका आशय तो यही हुआ कि हमें इस त्रासदी के प्रति अपना शुतुरमुर्गी रवैया छोड़कर अब सतर्क हो जाना चाहिए !
स्वायिन फ्लू का वाहक वाईरस एच १ एन १ बहुत शातिर है और स्वस्थ युवाओं तक को भी अपने चपेट में ले रहा है जिनकी रोग प्रतिरोधन क्षमता काफी अच्छी मानी जाती है ! याद रखें इससे बचने का सबसे सरल तरीका है -अपने हाथ को कहीं भी बाहर से आने पर साबुन से साफ़ करें ! जिसे फ्लू हुआ दिखायी दे ,सामना होने पर मुंह नाक को रूमाल से ढकें ! विदेश से आने वाले मेहमानों पर चौकस नजर रखें ! उनके फ्लू ग्रस्त होने पर अपने करीब के स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करें -जैसे जिले के कलेक्टर या चीफ मेडिकल आफीसर (सी एम् ओ )को !
भारत में महामारी के तीन मामलों के पुष्टि हो चुकी है -पहला केस दुबई से होकर न्यूयार्क से हैदराबाद आये एक छात्र का है और नया मामला मां बेटे का है और यह भी बरास्ते दुबई न्यूयार्क से ही कोयम्बतूर पहुँचने का है सभी का इलाज भारत में उपलब्ध एकमात्र प्रभावी औषधि टामीफ्लू से किया जा रहा है .
12 comments:
डॉ साहेब क्या इस खबर का सोर्स दे सकतें हैं? ६ तो बहुत खतरनाक है..
धन्यवाद..
माननीय अरविन्द जी, हाल ही मे मैने स्वाइन फ्लू पर दो वेबीनार मे भाग लिया। जब मैने वहाँ पर इस बात की चर्चा की कि इसमे भारतीय वनस्पतियाँ अहम भूमिका निभा सकती है तो किसी ने ध्यान नही दिया। सारा ध्यान उन विदेशी कम्पनियो पर था जो इसके लिये वैकसीन तैयार कर रही है। इसी ने शायद विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी अपने चंगुल मे ले रखा है। आम लोगो को डराने के भरपूर प्रयास होंगे और फिर भारत जैसे देशो मे वैक्सीन की खपत होगी। आपने अच्छी जानकारी दी पर मुझे लगता है कि विदेशी मीडिया की खबरो का हिन्दी रुपांतरण भारतीय जन मानस के लिये उतना हितकर नही होगा जितना कि हम इस गडबड घोटाले के बारे मे सब को बताये। आप ही बताये कि हम-आप अपने लोगो को नही बतायेंगे तो इस देश मे कौन यह काम करेगा? विदेशी मीडिया और विश्व स्वास्थ्य संगठन पर अन्ध-विश्वास भारत के लिये सदा ही घातक रहा है।
is achhi jaankari ke liye aabhaar
भाई बहुत ही उम्दा सामयिक जानकारी दी आपने अब तो चौकस रहना पड़ेगा पहले हर विदेशी का मेडिकल देखना पड़ेगा . आभार.
अपडेट के लिए आभार।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
हम्म... हमें तो लगा अब तक ये शातिर वाइरस कुछ ठंढा पड़ा होगा !
Ranjan
@http://blogs.nature.com/news/thegreatbeyond/2009/06/phase_6_swine_flu_pandemic_get.html
अच्छी जानाकारी दी है आपने ..ध्यान रखने में ही अच्छा है
जानकारी के लिये आभार....
अच्छी जानकारी ,कुछ डॉ साहेब लोग इसका उपचार होमियोपैथी में भी बता रहें है ,क्या वे प्रमाणिक हैं ?
आपका अपडेट करने के लिए। धन्यवाद। वैसे कहीं पढ़ा था कि ये स्वाइन फ्लू उतना बड़ा फ्लू है नहीं या यूं कहें कि जो भी फ्लू आजकल निकल पड़ते हैं उनकी दवाई भी तुरंत मार्केट में आ जाती है।
भैया अपने गुलाम व आजाद नबी साहेब को बताईये जो अभी काफी निश्चिंत हैं
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