Monday, 23 February 2009

बनारस से तो नही दिख रहा लूलिन !

जी हाँ एक राउंड तो आकाश दर्शन हो गया -रात तीन बजे से ही दक्षिण -पश्चिम आकाश का कोना कोना छान मारा है और अब थक हार कर यह ब्लॉग पोस्ट लिखने लगा हूँ -हो सकता है शहर की बिजली की रोशनी की कौंध के कारण वह न दिख रहा हो -मैंने नंगी आंखों के अलावा अपने ७ गुणे ५० परिवर्धन के बायिनाक्युलर का भी सहारा लिया । पर सब बेकार ! मुझे याद है जब 1986 में हेली का धूमकेतु दिखा था तो उन दिनों मैं लखनऊ में था और इसी बायिनाक्यूलर से उसे खोज निकाला था -जबकि हेली भी उस वर्ष बहुत फीका दिखा था ! पर लुलिन का तो कोई अता पता ही नहीं चल रहा !
अब मैं आस लगाए बैठा हूँ कि रोजाना की ५ से ७ बजे वाली बिजली की कटौती हो जाय और शहर के अंधेरे में डूबने को एक वरदान के रूप में देखते हुए एक गहन प्रयास और किया जाय -मगर यह डर भी है कि आज चूंकि महाशिवरात्रि है और पूरी सम्भावना है कि बिजली ही न काटी जाय -तब तो फिर मैं गया काम से ! लूलिन दिखने से रहा ! जो भी हो अभी तो मैंने हार नही मानी है !

16 comments:

Himanshu Pandey said...

मुझे तो अपनी नंगी आंखों का ही सहारा था, क्योंकि बायिनाक्युलर मुझे मिली ही नहीं, . चार बजे से तो मैं भी देख रहा हूं आकाश में इधर-उधर. नहीं दिखा.
अब तो पांच से अधिक बज गये हैं, क्या आप ने देख लिया?

Udan Tashtari said...

यहाँ भी नहीं दिखा-अभी छत से उतर कर चला आ रहा हूँ टिपियाने. ४ बजे से वहीं था.

अनूप शुक्ल said...

दिखे तो बतैयो! हमें भी दिखैयो!

विजय गौड़ said...

इसमें हार जीत की क्या बात मिश्रा सहाब। प्रक्रति के भीतर छिपे रहस्यों की खोज तो न जाने कितने रास्तों से होकर गुजरती है, यदि हार मान गए तो फ़िर तो हो लिया। मुझे उम्मीद है खोज ही लेंगे आप लुलिन को।

संगीता पुरी said...

भला बताइए...आपको बायिनाक्युलर की सहायता से भी लूलिन नहीं दिखाई पड रहा ...तो फिर हमलोग सिर्फ आंख से उसे कैसे देख सकते हैं ?

Arvind Mishra said...

@नहीं हिमांशु यह नहीं दिखा -सारी !

ताऊ रामपुरिया said...

हमको भी नही दिखा जी. आपको दिखे तो हमको डिग्री बता दिजियेगा तो शायद हम भी देख पाये.

रामराम.

रंजू भाटिया said...

मुझे भी नहीं दिखा जी ...:(

P.N. Subramanian said...

अब फोटो देख कर तसल्ली कर लेंगे.

Gyan Dutt Pandey said...

एक सस्तौआ टेलीस्कोप कहां से मिल सकता है?

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

जब आप नहीं देख पाए, तो भला हमारी क्‍या औकात।

राज भाटिय़ा said...

अजी हम तो सारी रात मस्त से सोये, क्योकि हमारे यहां इतनी बर्फ़बारी हो रही है कि आकाश मे तारे तो क्या जमीन पर भी कोई इतनी रात को दिखाई नही देता,
लेकिन यह १२ मार्च को फ़िर से दिखाई देगा, अब पता नही भारत मे दिखे या ना दिखे, ओर आज सारी रात यह हमारे आकाश मै था, लेकिन बादलॊ के कारण नही दिखा, ओर अब १२ मार्च को देखे गे अगर मोसम साफ़ हुआ तो.
धन्यवाद

समय चक्र said...

चलिए अभी नहीं दिखा तो १२ मार्च को ट्राई करेंगे लूलिन को देखने का

योगेन्द्र मौदगिल said...

H

भाई जी आप तो शिवजी को देखें इस लू-लिन में ऐसी क्या खास बात है जिसे आप खोज रहे हैं हमारा विग्यान तो बस इतना सा है

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

देखते रहिये सितारों को. कभी तो दिखाई देगा ही.

Paise Ka Gyan said...

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