इन दिनों जेनेटिक्स की दुनिया में जीनोग्रैफी जांच की बड़ी चर्चा है .इस जांच से यह पता चल सकता है कि आप के पुरखों का उदगम कहाँ हुआ .और अब आप के साथ आपके पुरखों की वंश बेलि इस धरा पर कहाँ कहाँ बनी हुयी है ?यानि यह जांच आपकी जेनेटिक जड़ों और जमीन को उजागर कराने वाली है .मेरी भी बेतहाशा इच्छा हुयी कि मैं भी इस जांच के परिधि में आ जाऊं .लिहाजा डीएनए जांच किट का आर्डर दे दिया -यह मुझे आईबीएम , नेशनल जिओग्राफिक और वैट फाउन्दैशन अमेरिका के संयुक्त प्रतिष्ठान से साढे चार हजार रूपये में प्राप्त हुयी.और निर्देशानुसार मैंने गाल के अंदरूनी खुर्चनों को वहाँ से आए परखनली के सरंक्षक घोल में डाल कर भेज दी .और अब मेरी जांच रिपोर्ट इन्टरनेट पर है -यहाँ .आपको इस कोड - FWSNPLP48Lसे लागिन करना होगा -समय मिले तो देखें .इस सारे तामझाम का नतीजा यह है कि मेरे Y क्रोमोसोम के चिन्ह्कों ने यह उजागर किया है कि मैं M-9 समूह का सदस्य हूँ और ४०००० वर्ष पहले मेरे एक परम आदरणीय आदि पुरखे इरान या मध्य एशिया में कहीं जन्मे और मेरे इस चिन्हक M-9 को धारण किया और तब से M9 धारी जन इस धरा को धन्य कर रहे है -M9 का यह जेनेटिक गोत्र यूरेशियन CLAN कहलाता है .यह रोजी रोटी -शिकार की तलाश में आगे बढ़ा तो दक्षिणी मध्य एशिया के विशाल पर्वतों -हिदूकुश ,तियन शाह और हिमालय -पामेर नॉट ने रास्ता रोक लिया .मजबूर हो ये तजाकिस्तान से ही वापस मुडे -एक दल मध्य एशिया की और चला गया और दूसरा आज के पाकिस्तान से होते हुए भारत में पश्चिम उत्तर से घुसे -मेरे पूर्वज भी इन्ही में से थे .आज चेकोस्लोवाकिया ,मध्य एशिया और इरान के कई हिस्सों में मेरे समूह के लोग आबाद है -भारत में हिन्दी बोलने वाले करीब ३५% लोग मेरे M9 समूह के ही हैं .उत्तरी अमेरिका में भी यह चिन्हक पाया गया है .आज मेरे बन्धु बांधव पूरी दुनियाँ में फैले हुए हैं -अगर कोई वैश्विक सरकार बनी तो मेरे चुनाव जीतने के चांसेस हैं !
18 comments:
आप तो बड़े वीवीआईपी निकले मिश्र जी!!!
और इस पोस्ट ने तो बड़े चिन्तन के मोड़ में भी ला दिया। --- एक है मानवता पर फ्रेग्मेण्ट्स में बांट ड़ाली गयी---
आप अधिक गहरे में जाएँगे तो पता लगेगा, भारत में यहाँ के मूल निवासियों हालत अमरीका में अमरीका के मूल निवासियों से बदतर है।
या भारत में कोई मूल निवासी बचा ही नहीं।
और गहरे में जाएंगे तो यह भी कि सारी दुनियां के होमो सेपियन्स अफ्रीका से आए हैं।
और ये आप 4000 के स्थान पर 40,000 छाप गए। उतना पुराना तो कोई इतिहास ही नहीं है।
मजेदार मामला है।
उलझा दिया न चिन्तन में आपने..अब क्या रास्ता है..सो जाता हूँ. सुबह फिर आऊँगा.
बहुत बढ़िया मिश्रा जी वाह क्या कहने आपकी पोस्ट गंभ्भीर चितन करने के लिए विवश कर रही है . आपकी पोस्ट पढ़कर उड़न तश्तरी जी अब सो गए होंगे. वाह आनंद आ गया .धन्यवाद.
वाह। क्या बात है। ईरान से आकर काशी आ गए। बहुत अच्छा है। आपसे संपर्क कैसे हो सकता है। कोई ईमेल वगैरह
बहुत पहले इसी जीन-यात्रा पर एक डॉक्यूमेन्टरी देखी थी नैट जियो पर.. आज आप ने इस साइट पर भेज कर उस सारे डिसकोर्स से दुबारा रूबरू करा दिया..
पर मुझे लगता है कि अभी इस यात्रा में तमाम राज़ पोशीदा हैं और अभी की सूरत काफ़ी सरलीकृत है.. आने वाले दिनों में तस्वीर ज़रा और साफ़ होगी..
आप्ने पासवर्ड देकर हमें भी जानने-समझने का मौका दिया.. बहुत शुक्रिया..
किस वैश्विक सरकार की बात कर रहे हैं मिश्रा जी अच्छा है आप ने इसे अपने ब्लॉग में ही डाला है सावधान रहिएगा कहीं भूले से भी अपनों से आपने जिक्र कर दिया तो वे मतदाता सूची में आपका नाम ही अप्मार्जित कर देंगे बच कर रहिएगा चुनाव लड़ने की बात सोचियगा म़त |अछी जान कारी है ज्ञान वर्धक और रोचक
Aapki jaankari rochak aur sochne ko vivash karne wali hai.
मिश्रा जी हमारी भी इच्छा हो रही है जानने की कि हमारे पूर्वज कहां से आये या कहां थे, आखिर चुनाव जीतने का मामला है जी…:) ये बताइए क्या कोई भी इस किट को मंगा सकता है और क्या गाल के अंदर की खुरचन निकालने में बहुत दर्द होता है और घाव भरने में कितने दिन लग जाते हैं? जवाब मेरे ई-मेल पर दें तो अति कृपा होगी
ओह यह जानना कितना रोचक है...बहुत गहरे जाओ तो वास्तव में वसुधैव कुटुम्बकम फलित होने लगता है, फिर ये जांत-पांत किस तर्क से धोया गया है इतने दिनों तक..?
कृपया पढ़ें..फिर ये जांत-पांत किस तर्क से ढोया गया है इतने दिनों तक...
नयी जानकारी है, सो आप खुमैनी के आसपास ही के हैं :-) आदतें भी वैसी ही हैं !
शुभकामनायें भैया !
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Help me understand
ये तो अपने यहाँ जैसे गोत्र होते हैं वैसा ही लोगों को कुछ समूह में बाँट देने जैसे है
इतनी रोचक जानकारी देने के लिए आप धन्यवाद के पात्र हैं
इतनी रोचक जानकारी देने के लिए आप धन्यवाद के पात्र हैं
बहुत रोचक जानकारी ... इसका मतलब हमारा भी कोई न कोई नाता तो ज़रूर होगा जो दोस्ती रिश्तेदारी से भी बढ़ कर हो गई...
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