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गरदन या ग्रीवा दरअसल सर और धड के बीच तमाम जैवीय कार्यों का सेतु है -मुंह से पेट ,नाक से फेफडे और दिमाग से मेरुदंड तक रक्त नलिकाओं का संजाल है -कई मांसपेशियां हैं जो मनुष्य की गर्दन को कई इशारों -हामी और इनकार का माध्यम बनाती हैं .भारी भरकम और मोटी सी 'बैल सरीखी 'गर्दन परम्परा से पौरुष का द्योतक रही है ,' स्वान लाईक ' यानि हंसिनी सी सुराहीदार ग्रीवा स्त्रियोचित मानी गयी है .सच ही है -पुरूष की गर्दन मोटी, चौड़ी तथा स्त्री की लम्बी पतली होती है ।
नर और नारी के गरदन में एक और ख़ास लैंगिक विभेद 'ऐडम के ऐपल ' यानि कंठ (मणि ) या टेंटुआ की रचना को लेकर है -जो पुरुषों में अपेक्षया उभरा हुआ है .नारी की ऊंची और मधुर आवाज के लिए जहाँ छोटे से वोकल कार्ड के लिए छोटे से ही वायस बॉक्स की जरूरत होती है वहीं पुरुषों का वोकल कार्ड (१८ मिलीमीटर ) स्त्री के वोकल कार्ड (१३ मिलीमीटर ) से बड़ा होता है -किशोरावस्था से ही पुरुषों की आवाज भारी होने, फटने सी लगती है -
. पुरूष का स्वर यंत्र लैरिंक्स औरत के स्वर यंत्र की तुलना में लगभग ३० प्रतिशत बड़ा है .मगर नर नारी के स्वर यंत्रों की यह भिन्नता दरअसल किशोरावस्था के बाद ही उभरती है .वयः संधि पर आए किशोरों की आवाज भारी होने लगती है मगर युवा नारी के स्वर यंत्र अपने शैशव की मधुरता को लंबे समय तक बनाए रहते हैं ! आपने गौर किया ही होगा गायिकाएं बच्चों की आवाज में सहज ही गा लेती हैं -वे अपनी आवाज की स्वरावृत्ति २३०-२५५ यानि अधिक माधुर्यपूर्ण बनाए रख सकती हैं जबकि पुरूष की स्वरावृत्ति १३०-१४५ पर ही भारीपन लिए बनी रहती है .
एक रोचक अध्ययन के मुताबिक कबीलाई /आदिवासी समाजों में जहाँ पुरुषों की आवाज ऊंचे तरंग दैर्ध्य /आवृत्ति यानि सुरीली सी होती है वहीं शहरी युवाओं /पुरुषों की कम आवृत्ति वाली भारी सी होती है -इसी तरह की एक अबूझ पहेली यह भी है कि पेशेवर ( कोठेवालियां ) औरतों की आवाज दूसरी औरतों की तुलना में भारी यानि कम आवृत्ति वाली होती है - आवाज के मामले में अब उनका पेशा उन्हें पुरुशवत बनाता है या फिर उनका अव्यवस्थित सेक्स जीवन इसके मूल में है जो हार्मोनो के असंतुलन को प्रेरित करता हो -शोध चल रहा है ।
गर्दन के एक मुख्य आकर्षण और लैंकिक विभेद के रूप में कंठ मणि या टेंटुआ /घेघा भी है जिसे ऐडम का ऐपल कहते हैं .ऐडम के ऐपल का नामकरण भी बड़ा रोचक है .बाईबिल से जुडी दंतकथाएं बताती हैं कि यह ग्रीवा उभार दरअसल आदम के उस आदिम पाप की प्रतीति है जब हौवा द्वारा प्रेमार्पित वर्जित फल सेब को आदम ने चखा -चखा क्या ,पहला ही निवाला गले का फाँस बन अटक गया .वही कंठ मणि बन गया -ऐडम का ऐपल ! वैसेचलते चलते बता दूँ कि मूल बायिबल में ऐपल -सेब का जिक्र ही नही है -यह शब्द तो बाद का प्रक्षेप है .शास्त्री जी शायद कुछ स्पष्ट कर सकें -जारी !
14 comments:
अरविंद भाई! धनतेरस पर तो गर्दन नापने का काम बंद रखते।
दिनेश जी गिरहकटी का धंधा अपनाया है तो दीपावली में तो उसे जगाना ही ही होगा -परम्परा ही ऐसयीच रही है !
अरे! आप तो ऑन लाइन निकले। बड़ी शीघ्रता से मेरी गरदन जा नापी। मान गए आप के प्रोफेशनलिज्म को।
आप को और पूरे परिवार को दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत बढ़िया जानकारी रोचक तत्व समाहित किए हुए. स्त्रियों का वोकल कॉर्ड पुरुषों की तुलना में छोटा होता है, हार्डवेयर की ये असमानता वे अधिक वाचालता से दूर करने को उद्धत दिखती हैं.
दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं.
अरे भाई हम यहा से सटक ले आ तो यहां गर्दन नापी या रही है,
धन्यवाद,
अर्विन्द जी आप को ओर आप के परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
1. दिनेश जी एवं डा अरविंद को बधाई हो कि धनतेरस के दिन सुबह एक दूसरे की गर्दन नाप रहे हैं.
2. इस वैज्ञानिक लेख में आपने कई नई जानकारियां दीं हैं जिसके लिये आभार. उम्मीद है कि इसे आप आगे बढायेंगे.
3. बाईबिल में सेव का वर्णन कहीं नहीं आता, एवं "एडम्स एप्पल" महज एक आधुनिक किवदंती है.
4. आज आपने लेख की "सज्जा" में जल्दबाजी की, इस कारण विराम चिन्ह अगले वाक्य के साथ जुड रहा है तो अन्य चिन्ह भी अपनी जगह छोड इधर उधर हो रहे हैं. जरा जांच लें.
5. लेख को 10 में से 11 नंबर एवं सज्जा को 10 में से 4 नम्बर दिये गये!!!
यहां पोस्ट में तो नहीं; टिप्पणियों में जबरदस्त हिंसा चल रही है। दीपावली शुभ कर जल्दी खिसकें, गर्दन की खैर मनाते! :-)
भाई मिश्राजी आज हम दिन में बाजार खिसक लिए और पीछे से गर्दन की नापा नापी चल रही है ! आप दोनों वरिष्ठ जनों को उल्लूक वाहिनी तेरस का तो ख्याल रखना चाहिए ! :)
बहुत बेहतरीन जानकारी ! इसे निरंतर चालु रखिये ! पोस्ट थोड़ी और बड़ी करिए !
आपको परिवार व मित्रो सहित दीपावली की हार्दिक बधाई !
आपके परिवार, मित्रों एवं ब्लाग-मंडली को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
--YOGENDRA MOUDGIL N FAMILY
गर्दन नाम कर तो नहीं, पर दिल से आपको दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
परिवार व इष्ट मित्रो सहित आपको दीपावली की बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं !
पिछले समय जाने अनजाने आपको कोई कष्ट पहुंचाया हो तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ !
आपकी सुख समृद्धि और उन्नति में निरंतर वृद्धि होती रहे !
दीप पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
बन्धु,तीन व्यक्ति आप का मोबाइल नम्बर पूँछ रहे थे।मैनें उन्हें आप का नम्बर तो नहीं दिया किन्तु आप के घर का पता अवश्य दे दिया है।वे आज रात्रि आप के घर अवश्य पहुँचेंगे।उनके नाम हैं सुख,शान्ति और समृद्धि।कृपया उनका स्वागत और सम्मान करें।मैने उनसे कह दिया है कि वे आप के घर में स्थायी रुप से रहें और आप उनकी यथेष्ट देखभाल करेंगे और वे भी आपके लिए सदैव उपलब्ध रहेंगे।प्रकाश पर्व दीपावली आपको यशस्वी और परिवार को प्रसन्न रखे।
यह ऐडम एप्पल क्यों एक वय विशेष व लिंग विशेष को ही क्यों होता है इसके पीछे क्या वेज्ञानिक रहस्य है इसका खुलासा भी करें वास्तव में कई किशोर कुमार इसी कारण असमय किशोर वय में ही दम तोड़ देतें है
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