Thursday, 18 August 2011

जियो जियोमेडिसिन!

किस चक्की का आटा खाते हो मियाँ,क्या सेहत पायी है! फलां जगह का पानी हमें बहुत सूट करता है ..जब से मुम्बई आया हूँ हाल बेहाल है मेरा पेट ही ठीक नहीं रहता -यह एक आम बातचीत का हिस्सा है जो हमें गाहे बगाहे सुनायी देता  रहता है .यानि आबो हवा ,परिवेश/पर्यावरण  से स्वास्थ्य का नाता जरुर है ....बिलकुल, इसी बात पर अब  चिकित्सा वैज्ञानिकों की भी मुहर लग गयी है .एक नयी चिकित्सा पद्धति का आगाज हो चुका है जिसे जियो मेडिसिन कहा जा रहा है .मतलब अब आपके स्वास्थ्य और रोगों की जांच में आपके भौगोलिक पर्यावरण के बारे में भी जानकारी ली जायेगी ...और तदनुसार प्रभावी निदान (डायिग्नोसिस) किया जाएगा!इसके लिए जी आई एस यानि जियोग्राफिक इन्फार्मेशन सिस्टम से युक्त एक साफ्टवेयर का प्रयोग आरम्भ हो चुका है जिसे इसरी (Esri)का नाम दिया गया है .
इसी इसरी प्रोग्राम से जुड़े हैं बिल डावेनहाल जिनसे इस नए चिकित्सा निदान पर अभी अभी एक  साक्षात्कार विज्ञान कार्यक्रमो के  अर्थस्काई नामक मशहूर बेबसाईट पर प्रकाशित हुआ है .जैसे चिकित्सक किसी भी रोगी की केस हिस्ट्री में उसके पारिवारिक इतिहास में रोगों की मौजूदगी .खुद उसके अतीत के रोगों ,खान पान की जानकारी लेते हैं अब यह नयी निदान -उपचार प्रणाली उसके परिवेश /वातावरण की भी जानकारी इकठ्ठा करके चिकित्सक को उपलब्ध करायेगी जिससे रोग के निदान और उपचार का कोर्स बेहतर तरीके से नियत किया जा सके.अपनी खुद की 'प्लेस हिस्ट्री' जानने के लिए इसरी का यह  कार्यक्रम अमेरिका में तो काफी लोकप्रिय हो रहा है!जाहिर है भारत में भी देर सवेर यह जुगत चिकित्सकों की मददगार साबित होगी .

चिकित्सीय निदान और उपचार की इस पद्धति में इन्विरानमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (ई पी ऐ ) रोगी से सम्बन्धित पर्यावरण से जुड़े अनेक मानदंडों -प्रदूषकों की मौजूदगी,दीगर स्वास्थ्य कारकों की महत्वपूर्ण जानकारी में मदद कर रही है ...इस मामले में न्यूयार्क  के कुख्यात  लव कैनाल हादसे का हवाला दिया गया है जहाँ रेडियोधर्मी और अन्य विषाक्त तत्वों के विशाल डंपिंग ग्राउंड को पाट   कर उस पर एक आकर्षक लव कैनाल कालोनी बना दी गयी थी ..बाद में लोगों में अजीबोगरीब बीमारियाँ दिखनी शुरू हुयी ....और रोगियों के गुणसूत्र तक प्रभावित हो चले ....अब वह कालोनी ढहाई जा चुकी है मगर वहां से विस्थापित लोगों में अधिकाँश कैलीफोर्नियाँ में हैं और वहां की अगली पीढी में कुछ रोगों की बारम्बारता पर जब उनका स्थानिक इतिहास (प्लेस हिस्ट्री ) खंगाला गया तो लव कैनाल का मामला फ़ौरन   पकड़ में  आ गया -इलाज आसान हो गया!  
आप इस विषय पर और विस्तार से यहाँ जानकारी ले सकते हैं ...चिकित्सा की इस नव मुखरित जानकारी को हम तो यही कह सकते हैं जियो जियोमेडिसिन!