Monday, 23 August 2010

सुअरा की विदाई!

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि सुअरा ,अरे वही स्वाईंन  फ़्लू H1N1 के दिन लद गए ..अब यह विश्व व्यापी नहीं रहा .निदेशक मार्गरेट चैन का कहना है कि अब पूरी दुनिया ' पोस्ट पैन्ड़ेमिक पीरियड ' से गुजर रही  है ..अब यह यत्र तत्र मात्र सीजनल बीमारी होकर रह गयी है .मनुष्य की शारीरिक प्रतिरक्षा ने इसे धता बता दिया है .फिर भी  यह अभी खतरे के निशान ५ पर है ,जबकि यह सबसे खतरनाक स्तर पर जा पहुंचा था .अब इसकी हैसियत केवल सीजनल वाईरस की रह गयी है .मगर नेस्तनाबूद नहीं हुआ है यह .

तो क्या दुनिया भर में मची उहापोह और वैक्सीन तथा टामीफ्लू दवा के लिए मची हड़बोंग फिजूल ही थी ? विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी ऐसा नहीं मानते -उनका कहना है की मानव स्वास्थ्य के लिए ज़रा भी चूक बड़ी भयावह हो सकती है .हम इन मामलों को ऐसे ही नहीं ले सकते .निदेशक चैन का कहना है कि हम भाग्यशाली रहे ..एच १ एन १ विषाणु बहुत आक्रामक नहीं हुआ ...यह अच्छा हुआ की यह विषाणु नए रूपों में उत्परिवर्तित नहीं हुआ और अपने एकमात्र इलाज टामी फ्लू /ओसेल्टामिविर के प्रति सहनशीलता नहीं विकसित कर पाया नहीं तो स्थिति निश्चित रूप से भयावह हो गयी होती .

अजब संयोग है की यह घोषणा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तब हो रही है जब भारत में इस रोग के लक्षण कहीं कहीं देखे जा रहे हैं ...हमें याद रखना चाहिये की विदाई के बाद जैसे कुछ बिन बुलाये मेहमानों के फिर आ धमकने की असहज संभावनाएं बनी रहती हैं वैसे ही इन रोगाणुओं की भी वापसी संभव है ..इनकी और से हमें हमेशा सतर्क और  सजग रहना चाहिए ..