Sunday, 21 December 2008

विज्ञान कथा पर राष्ट्रीय परिचर्चा -कतिपय चित्र स्मृतियाँ !


कहते हैं कि याददाश्त बेहद ख़राब दोस्त है जो कि ठीक ऐन वक्त पर धोखा दे देती है .इसलिए बनारस में पिछले माह ,नवम्बर में संपन्न राष्ट्रीय विज्ञान कथा परिचर्चा के कुछ फोटो यहाँ सहेज रहा हूँ ताकि धुंधली पड़ती यादों को कभी कभार ताजा कर सकूं ।ऊपर का चित्र है विषय प्रवर्तन का और यह भार मुझे ही वहन करना पडा! डायस
सुशोभित है विज्ञानं कथा के पुराधाओं से -महाराष्ट्र के डॉ वाई एच देशपांडे ,राजस्थान के एस एम् गुप्ता ,दिल्ली से डॉ मनोज पटैरिया (अध्यक्ष ) .जे आर एच विश्विद्यालय के वाइस चांसलर और मशहूर गणितग्य प्रोफेसर एस एन दुबे ( मुख्य अतिथि ),लखनऊ से साहित्यकार हेमंत कुमार , बाल भवन दिल्ली की पूर्व निदेशक डॉ मधु पन्त ,डॉ राजीव रंजन उपाधायाय !

यह चित्र है विशिष्ट प्रतिभागी जनों का ,सामने गेरुए रंग के वस्त्र में दिख रहे हैं पूर्व एयर वाइस मार्शल विश्व मोहन तिवारी जी .
कौन है चित्र में दक्षिण भारत से आयी कई विज्ञान कथा विभूतियाँ हैं .राजस्थान के मशहूर विज्ञान कथा लेखक हरीश गोयल भी हैं ! (नीचे )



नीचे चित्र है उस यादगार पल का जब माईकल क्रिख्तन जिसने जुरासिक पार्क बनायी थी की मृत्यु पर शहनाई की शोक धुन श्रद्धांजलि देते हुए मरहूम भारत रत्न बिस्मिल्ला खां के भतीजे उस्ताद अली अब्बास खान और सहयोगी !

एक प्रतिभागी समूह परिचर्चा का दृश्य है नीचे जिसमें डॉ मधु पन्त के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय की सुश्री रीमा सरवाल ,बिट्स पिलानी की डॉ गीता बी आदि हैं .


एक प्रतिभागी बड़े मनोयोग से क्षेत्रीय भाषाओं के विज्ञान कथा प्रकाशनों को देख रहे हैं .