Monday 21 September 2009

हरित क्रांति के प्रणेता तथा पद्मविभूषण से सम्मानित नारमैन बोरलाग नहीं रहे !





कृषि वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलाग
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और पद्म विभूषण से सम्मानित जाने माने  कृषि वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलाग नहीं रहे  .विकासशील दुनिया में भूख से लड़ने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उन्हें १९७० में प्रसिद्ध नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था .वे  95 साल के थे .विगत १२ सितम्बर को कैंसर से उनका निधन हुआ !

1960 और 1990 के बीच बोरलाग ने   गेहूं उत्पादन को भारत में चौगुना बढाकर 'हरित क्रांति' का स्वप्न साकार कर दिखाया .1950 के दशक में बोरलाग और उनकी टीम ने रोग प्रतिरोधी, उच्च गेहूं की किस्में पैदा की और विकसित  खेती के तरीके में सुधार किया. अपने काम से विकासशील देशों में भुखमरी से लाखों लोगों को बचाने में निर्णायक भूमिका निभायी .भारत के प्रमुख कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन ने  हिंदू को बताया, "वह असाधारण मानवता प्रेमी थे , एक भूख से मुक्त दुनिया को साकार करने को  प्रतिबद्ध उनका  योगदान बहुआयामी था - वे एक साथ ही वैज्ञानिक , राजनैतिक और मानवतावादी थे . "

बोरलाग ने 1986 में विश्व खाद्य पुरस्कार शुरू करने में  महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जो  अब खाद्य और कृषि  के लिए नोबेल पुरस्कार माना जाता है .

 नोर्मन ने एक बार कहा था: 'मैं घोर गरीबी , भूख और मानव दुख के बीच में व्यक्तिगत तौर पर आराम से नहीं रह सकता , निंदा और गरीबी के जीवन में रह रहे   परिवारों से दुनिया में शांति नहीं हो सकती ..."

21 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

बोरलाग को हार्दिक श्रद्धांजलि!

महेन्द्र मिश्र said...

ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे .

Udan Tashtari said...

दुखद!!


श्रृद्धांजलि.

निर्मला कपिला said...

नार्मन बोरलाग जी को विनम्र श्रद्धाँजली

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

मेरी भी श्रद्धाञ्जलि...।
जानकारी देने का शुक्रिया।

राज भाटिय़ा said...

नार्मन बोरलाग जी को हार्दिक श्रद्धांजलि!!

Chandan Kumar Jha said...

श्रद्धाँजली ।

ताऊ रामपुरिया said...

नार्मन बोरलाग जी को विनम्र श्रद्धाँजली, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे .

रामराम.

Ghost Buster said...

जानकारी के लिये धन्यवाद.

Gyan Dutt Pandey said...

इस समय तो बोरलाग-II की बहुत जरूरत महसूस हो रही है। कभी लगता है कि अगली भुखमरी और अन्न की कमी आसन्न है। कभी लगता है कि दलहन में एक नये प्रकार की जरूरत बहुत ज्यादा है।
श्रद्धान्जलि।

Arshia Ali said...

इस महान हस्ती को सादर नमन।
( Treasurer-S. T. )

अन्तर सोहिल said...

आत्मा और परमात्मा को प्रणाम

Himanshu Pandey said...

नारमैन बोरलाग का प्रयाण एक रिक्तता दे गया है ।
विनम्र श्रद्धांजलि ।

ताऊ रामपुरिया said...

इष्ट मित्रों एवम कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.

Ashutosh said...

श्रद्धान्जलि !
हिन्दीकुंज

वन्दना अवस्थी दुबे said...

श्रद्धान्जलि अर्पित करती हूं.

Amit K Sagar said...

चिट्ठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. लिखते रहिये. शुभकामनाएं.
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उल्टा तीर पर हिंदी ब्लोग्स में पहली बार एक रिश्ते पर साहसिक बहस "फ्रेंड्स विद बेनेफिट्स"
व लेखक / लेखिका के रूप में ज्वाइन [उल्टा तीर]

Creative Manch said...

ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे



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बवाल said...

हमारी ओर से उस महान आत्मा को श्रद्धांजली।

zeashan haider zaidi said...

काश की ऐसे ही लोग दुनिया में पैदा हों.

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

narayan narayan