Sunday 31 August 2008

भारतीय भस्मासुरी भीमकाय भांटा अब थाली की शोभा बढाएगा !

Courtesy :Brinjal dimond kiran
भांटा बोले तो बैगन यानी ब्रिनज्ल ....यह भारत का पहला जेनेटिकली माडिफाईड फ़ूड (जी एम् फ़ूड ) बनने को बेताब है .बैंगन का भुरता /चोखा और कलौंजी के क्या कहने यम् यम् ....खाईये तो बस उंगलियाँ चाटते रह जाईये ।लेकिन भला यह भस्मासुरी भीमकाय का विशेषण ?यह क्या बला है ?
प्यारे मित्रों यह बला ही है -भला वह कैसे तो आईये इसे समझने के लिए एक कहानी सुनें .सन १८१८ में मशहूर ब्रितानी कवि पी बी शैली की पत्नी मेरी शैली ने एक उपन्यास लिखा था -जिसमे डॉ फ्रैन्केंसटीन को एक कृत्रिम मानव बनाने का चस्का लगता है और वे कई शवगृहों से लाशों के अंग प्रत्यंग दूंढकर लाते हैं और उनमें विद्युत् का संचार करते हैं -एक बहुत ही घिनौना प्राणी तैयार हो जाता है और डॉ उससे डर कर भागतेैं और अंततः उसके द्वारा सपरिवार मारे जाते हैं -यह एक दुखांत कथा है .फ्रैकेंसटीन नामक यह उपन्यास विश्व का पहला वैज्ञानिक उपन्यास माना जाता है .जिसका संदेश यह है कि -बिना बिचारे जो करे सो पाछे पछताय ......और जब वैज्ञानिकों ने अब पाराजीनी फसलें यानी किसी एक प्राणी के जीन को निकाल कर दूसरे प्राणी मे डालने का उपक्रम शुरू किया है तो विचारकों ने इसे भी एक फ्रैंक्सटीनियन काम धाम ही माना है .मसलन ध्रुवों की फ्लाउन्दर मछली के जीन को निकाल कर टमाटर में डाल देना ..जिससे टमाटर फ्रिज में लंबे समय तक चिकना और फूला Mसा बना रहे -क्योंकि उसमें एंटी फ्रीज जीन जो मिला है .अब आप यह टमाटर यदि खाते हैं तो एक तो यदि आप शकाहारी हैं तो धरम नष्ट भ्रष्ट हुआ और न जाने लांग रन में यह आपकी अंतडियों में क्या गुल खिलाये .ऐसे भोज्य पदार्थों को सारी दुनिया में फ्रंकेंसटीन फ़ूड कहा जा रहा है -इन्हे जेनेटिकली बदल्दिया गया है .ऐसे अनेक भोज्य पश्चिमीं बाजारों में और चोरी छिपे यहाँ भी बिकने लगे है -
भारत में पराजीनी फलों -फसलों पर कड़ी नजर के लिए एक समिति है -GEAC -जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रूवल कमेटी - जो यद्यपि इस समय विवादों में घिरी है मगर जल्दी ही भारत के लिए पहले जी एम् बैगन का उपहार जारी करने वाली है .
तो यह भस्मासुर और भीमकाय का क्या मतलब है ?अरे भाई !याद कीजिये शंकर और भस्मासुर की कथा जिसमें शंकर जी ने बिना आगा पीछा सोचे उस राक्षस को वरदान दिया और फिर मुसीबत में पड़ गए .तो मैंने भारतीय मनीषा के लिए फ्रैकेंसटीन के बजाय अपना जाना पहचाना भस्मासुर नाम चुना है -तो ये फिर भीमकाय क्या ?
ये बैगन बड़े बड़े आकार के होंगे इसलिए भीमकाय भी !
अब आप बताएं कि क्या भस्मासुरी बैगन आपको पसंद आयेगा ?