Saturday 16 October 2010

दर्शन कीजिये नीलकंठ का ,अपना दिन शुभ कीजिये!


आज विजयादशमी के दिन नीलकंठ के दर्शन की परम्परा रही है. क्यूँकि राम के आराध्य शिव हैं फिर  इस खुशी के मौके पर उनके रूप प्रतीति का दर्शन क्यूँ न किया जाय ? एक पक्षी का नाम ही नीलकंठ पड़ गया -अपने पंख पर नीले रंग की अनुपम छटा के कारण यह पक्षी जिसे अंगरेजी में Indian Roller (Coracias benghalensis), या  Blue Jay  कहते हैं , शिव का ही प्रतिरूप बन  गया है !आप इस बेहद खूबसूरत पक्षी को बाग़ बगीचों ,वन उपवनों ,टेलीफोन ,बिजली के तारों पर बैठे और सहसा जमीन पर आ पहुँच कीट पतंगों को  चोंच में भर ले उड़ने और उनके हवाई नाश्ते के दृश्य को देख सकते हैं ..अगर आज यह आपके आसपास न दिखे तो दुखी मत होईये ऊपर  का चित्र देखकर रस्म अदायगी तो कर ही लीजिये !

राहत की बात यह है कि अभी भी यह पक्षी खात्मे की राह  पर नहीं है मगर इसका दिखना कुछ कम जरुर हुआ है .भारतीय महाद्वीप में यह हिमालय से लेकर श्रीलंका ,पाकिस्तान आदि सभी जगह मिलता है .विकीपीडिया के मुताबिक़ यह बिहार ,कर्नाटक ,उडीसा और आन्ध्रप्रदेश का राज्य पक्षी है .

 आज नीलकंठ देखकर अपना दिन शुभ कीजिये मगर इसके संरक्षण में भी आप भी कुछ भूमिका निभा सकें तब  बात बने