tag:blogger.com,1999:blog-3362795456291072795.post6259001705182947442..comments2023-11-18T03:53:14.179-08:00Comments on साईब्लाग [sciblog]: पुरूष पर्यवेक्षण :बलिष्ठ बाहों का जलवा !Arvind Mishrahttp://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-3362795456291072795.post-23597765306802523822009-01-06T07:15:00.000-08:002009-01-06T07:15:00.000-08:00यह लेख बहुत ही उपयोगी जानकारी से भरपूर है. आभार!!स...यह लेख बहुत ही उपयोगी जानकारी से भरपूर है. आभार!!<BR/><BR/>सस्नेह -- शास्त्रीShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3362795456291072795.post-27757112363265532442009-01-05T06:29:00.000-08:002009-01-05T06:29:00.000-08:00नववर्ष की बलिष्ठ मंगलकामनाऐं.नववर्ष की बलिष्ठ मंगलकामनाऐं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3362795456291072795.post-60953295362978229042009-01-02T22:26:00.000-08:002009-01-02T22:26:00.000-08:00पुरूष पर्यवेक्षण की रूकी गाडी फिर से आगे बढने पर ब...पुरूष पर्यवेक्षण की रूकी गाडी फिर से आगे बढने पर बधाई। इसी बहाने बहुत सी जानकारी तो मिल ही रही है।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3362795456291072795.post-8265833864638630062009-01-02T18:35:00.000-08:002009-01-02T18:35:00.000-08:00क्या बांह वर्णन हुआ है। शानदार!क्या बांह वर्णन हुआ है। शानदार!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3362795456291072795.post-66213383037634100262009-01-02T05:21:00.000-08:002009-01-02T05:21:00.000-08:00रोचक जानकारी हैरोचक जानकारी हैरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3362795456291072795.post-21650326874865883812009-01-02T01:57:00.000-08:002009-01-02T01:57:00.000-08:00अजी आज कल नारियां भी ऎसॆ मुश्क बना रही है... कहो त...अजी आज कल नारियां भी ऎसॆ मुश्क बना रही है... कहो तो आप को दो चार फ़ोटू भेजू.. लेकिन अच्छी नही लगती.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3362795456291072795.post-82800586024599149242009-01-01T23:28:00.000-08:002009-01-01T23:28:00.000-08:00नव वर्ष की इस प्रथम प्रविष्टि पर आपको प्रत्याख्यान...नव वर्ष की इस प्रथम प्रविष्टि पर आपको प्रत्याख्यान देना पड़ ही गया. "चाहता तो बच सकता था/ मगर कैसे बच सकता था/ जो बचेगा / वह कैसे रचेगा."<BR/><BR/>इस पुरुष पर्यवेक्षण के लिये धन्यवाद.Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3362795456291072795.post-41832089620042573512009-01-01T20:42:00.000-08:002009-01-01T20:42:00.000-08:00ऐसे पुरुषों की अपने देह यष्टि के प्रति अतिशय विमोह...ऐसे पुरुषों की अपने देह यष्टि के प्रति अतिशय विमोह और आत्ममुग्धता के चलते नारियां अवचेतन रूप में उनसे विकर्षित होती जाती हैं .<BR/><BR/>आज कल के विज्ञापनों में तो इस के विपरीत दिखाया जा रहा है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3362795456291072795.post-86751411523960246672009-01-01T20:23:00.000-08:002009-01-01T20:23:00.000-08:00बेहद ज्ञानवर्धक जानकारी मिली। आशा है इसी तरह यह श्...बेहद ज्ञानवर्धक जानकारी मिली। आशा है इसी तरह यह श्रन्खला जारी रहेगी।<BR/><BR/>रामराम।ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3362795456291072795.post-85802756227039835612009-01-01T19:06:00.000-08:002009-01-01T19:06:00.000-08:00लेकिन फिर भी ज्यादातर मजदूर, हल चलाने वाले या खेत ...लेकिन फिर भी ज्यादातर मजदूर, हल चलाने वाले या खेत पर काम करने वाले किसान मसलविहीन होते हैं। आज के दौर में ऐसी मांसपेशिया बनाने के लिये ये सब करने की बजाय रोज जिम का एक चक्कर काफी होता है।Tarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.com